देश को हिला देने वाले पहलगाम आतंकी हमले के बाद चुप रहने वाले अमिताभ बच्चन ने आखिरकार रविवार की सुबह अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। सोशल मीडिया पर सुपरस्टार ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की तारीफ की। और अब, मेगास्टार ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपने दिवंगत पिता कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी गई शक्तिशाली पंक्तियां शेयर की हैं।अमिताभ बच्चन ने कविता की एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें उनके पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता लिखी हुई थी और फिर एक सफाई देते हुए तुलसीदास के रामचरितमानस की एक पंक्ति को लिखा, जिसे उनके पिता ने कविता में शामिल किया था, 'सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु।' अमिताभ की पोस्ट की हुई तारीफ82 वर्षीय एक्टर के काव्यात्मक सलाम को ऑनलाइन जबरदस्त सराहना मिली। फैंस ने इसे 'इंतजार के लायक' और 'गरिमा पर आधारित संदेश' कहा।
अमिताभ बच्चन ने कही बाबूजी की बातइसे स्पष्ट करते हुए अमिताभ बच्चन ने लिखा, 'उन्होंने कहा, 'शब्द जो व्यक्त किए गए हैं, पहले से कहीं अधिक सत्य .. एक कवि और उनकी दृष्टि पहले से कहीं अधिक महान .. बाबूजी के शब्द 1965 के पाकिस्तान के साथ युद्ध के आसपास लिखे गए, हम जीते और विजयी हुए, जिसके लिए उन्हें 1968 में प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला .. यह लगभग 60 साल पहले है .. 60 साल पहले एक दृष्टि जो अभी भी वर्तमान परिस्थितियों में सांस लेती है!!'T 5376 - जय हिन्द 🇮🇳
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 11, 2025
बाबूजी की एक कविता की कुछ पंक्तियाँ _ pic.twitter.com/bej9IPA8Wn
रामायण की पंक्ति लिखीउन्होंने रामायण की पंक्तियां लिखते हुए कहा, 'सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप' पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपनी वीरता का प्रदर्शन करने के लिए बातें नहीं बनाते। यह पंक्ति तुलसीदास जी के रामचरितमानस के लक्ष्मण-परशुराम संवाद से ही ली गई है कि शूरवीर अपनी वीरता को युद्ध में करके दिखाते हैं, वे अपने मुंह से अपनी तारीफ नहीं करते। कायर लोग ही युद्ध में शत्रु को सामने देखकर अपनी वीरता की डींगें हांका करते हैं।' 'अग्निपथ' वाली कविता लिखीअपने सुबह के ट्वीट में अमिताभ बच्चन ने अग्निपथ कविता से अपने पिता के शब्दों को पुनर्जीवित किया, जिस पर 1990 में इसी नाम की फिल्म बनी थी। 'तू ना थमेगा कभी, तू ना मुड़ेगा कभी, तू ना झुकेगा कभी, कर शपथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!'T 5376(i) - 👇🏽👇🏽👇🏽
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) May 11, 2025
the meaning of the poem words below on T 5376 ..
These words of the title are from the Tulsidas Ramcharit Manas .. तूलिसदास रामचरित मानस ... the sage Tulsidas's Ramayan ..
"सूर समर करनी करहिं, कहि न जनावहिं आप" पंक्ति का अर्थ है कि शूरवीर अपने पराक्रम को…
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