Jobs After MBA In USA: अमेरिका में बड़ी संख्या में MBA ग्रेजुएट्स इन दिनों पारंपरिक कॉर्पोरेट जॉब्स छोड़कर AC टेक्निशियन और प्लंबिंग के काम में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। वे छोटे व्यवसायों या कहें बिजनेस को खरीदकर चला रहे हैं। इसमें HVAC (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग), प्लंबिंग और कार वॉशिंग जैसे बिजनेस शामिल हैं। ये ट्रेंड 'आंत्रन्प्रेन्योरशिप थ्रू एक्यूजिशन' (ETA) नाम के एक बिजनेस मॉडल का हिस्सा है, जिसे आमतौर पर 'सर्च फंड' के तौर पर भी जाना जाता है।
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सर्च फंड के जरिए युवा प्रोफेशनल्स को किसी भी बिजनेस को शुरू से स्टार्ट किए बगैर उसे चलाने का मौका देता है। कोविड महामारी के बाद सर्च फंड में काफी तेजी देखी गई है। हजारों MBA स्टूडेंट्स नए स्टार्टअप्स को शुरू किए बगैर मौजूदा बिजनेस को खरीद रहे हैं। निवेशकों ने इस तरह के बिजनेस में काफी पैसा भी निवेश किया है, क्योंकि इनमें रिटर्न काफी ज्यादा अच्छा है। हालांकि, इस तरह के बिजनेस में कई जोखिम भी हैं, जैसे ऑपरेशन संबंधी समस्याएं और आर्थिक मंदी।
अरबों डॉलर किया गया निवेश
बिजनेस इनसाइडर द्वारा स्टैनफोर्ड रिसर्च के हवाले से बताया गया कि 1984 से 2019 तक, निवेशकों ने सर्च फंड और उनके द्वारा अधिग्रहित कंपनियों में कुल 1.4 बिलियन डॉलर का निवेश किया। सिर्फ चार सालों के भीतर ही निवेशकों ने MBA ग्रेजुएट्स के जरिए अतिरिक्त 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। पहले ज्यादातर प्रोफेशनल्स डक्ट क्लीनिंग, ग्रीस ट्रैप मेंटेनेंस और सेप्टिक टैंक सर्विस जैसे बिजनेस में काम करना पसंद नहीं करते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है।
क्यों छोटे बिजनेस खरीद रहे ग्रेजुएट्स?
दरअसल, इन दिनों जॉब मार्केट में काफी ज्यादा अनिश्चितता है। इस वजह से बहुत से छात्र पैसा कमाने के कई अलग ऑप्शन देख रहे हैं। गैर-पारंपरिक बिजनेस में मार्जिन काफी अच्छा है। इस वजह से स्टूडेंट्स कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर इसे करना चाहते हैं। छात्र दर्जनों इंवेस्टर्स का पैसा लेकर छोटे-छोटे बिजनेस खरीदकर उन्हें ऑपरेट कर रहे हैं। यहां वह 10 से 60 कर्मचारियों की टीम को हैंडल भी करते हैं। हालांकि, इस तरह के बिजनेस में जोखिम भी है, जहां सबसे बड़ा खतरा आर्थिक मंदी है।
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सर्च फंड के जरिए युवा प्रोफेशनल्स को किसी भी बिजनेस को शुरू से स्टार्ट किए बगैर उसे चलाने का मौका देता है। कोविड महामारी के बाद सर्च फंड में काफी तेजी देखी गई है। हजारों MBA स्टूडेंट्स नए स्टार्टअप्स को शुरू किए बगैर मौजूदा बिजनेस को खरीद रहे हैं। निवेशकों ने इस तरह के बिजनेस में काफी पैसा भी निवेश किया है, क्योंकि इनमें रिटर्न काफी ज्यादा अच्छा है। हालांकि, इस तरह के बिजनेस में कई जोखिम भी हैं, जैसे ऑपरेशन संबंधी समस्याएं और आर्थिक मंदी।
अरबों डॉलर किया गया निवेश
बिजनेस इनसाइडर द्वारा स्टैनफोर्ड रिसर्च के हवाले से बताया गया कि 1984 से 2019 तक, निवेशकों ने सर्च फंड और उनके द्वारा अधिग्रहित कंपनियों में कुल 1.4 बिलियन डॉलर का निवेश किया। सिर्फ चार सालों के भीतर ही निवेशकों ने MBA ग्रेजुएट्स के जरिए अतिरिक्त 1.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। पहले ज्यादातर प्रोफेशनल्स डक्ट क्लीनिंग, ग्रीस ट्रैप मेंटेनेंस और सेप्टिक टैंक सर्विस जैसे बिजनेस में काम करना पसंद नहीं करते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है।
क्यों छोटे बिजनेस खरीद रहे ग्रेजुएट्स?
दरअसल, इन दिनों जॉब मार्केट में काफी ज्यादा अनिश्चितता है। इस वजह से बहुत से छात्र पैसा कमाने के कई अलग ऑप्शन देख रहे हैं। गैर-पारंपरिक बिजनेस में मार्जिन काफी अच्छा है। इस वजह से स्टूडेंट्स कॉर्पोरेट जॉब छोड़कर इसे करना चाहते हैं। छात्र दर्जनों इंवेस्टर्स का पैसा लेकर छोटे-छोटे बिजनेस खरीदकर उन्हें ऑपरेट कर रहे हैं। यहां वह 10 से 60 कर्मचारियों की टीम को हैंडल भी करते हैं। हालांकि, इस तरह के बिजनेस में जोखिम भी है, जहां सबसे बड़ा खतरा आर्थिक मंदी है।
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