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'ये तो यामी गौतम की A Thursday की कॉपी निकली', मुंबई में 17 बच्चों के बंधक की घटना से अब जोड़ी जा रही ये फिल्म

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इस वक्त मुंबई में हुई इस बड़ी घटना ने हर किसी को हैरान कर रखा है। कुल 17 बच्चों को मुंबई के एक स्टूडियो में बंधक बनाए जाने की ये घटना गुरुवार को हुई। अब इस घटना ने एक बार फिर से यामी गौतम की साल 2022 की थ्रिलर 'ए थर्सडे' फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित आर्य नामक एक व्यक्ति, जो एक यूट्यूबर और नागपुर के किसी स्कूल का पूर्व शिक्षक था, उन्होंने पवई में आरए स्टूडियो के अंदर 17 बच्चों और दो बड़ों को बंधक बना लिया था। इसकी जानकारी लगते ही मुंबई पुलिस एक्शन में आ गई और बच्चों को बचाने के दौरान रोहित को गोली लग गई और घायल हालत में उसे हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।


इन बच्चों को एक वेब सीरीज़ के ऑडिशन के लिए स्टूडियो बुलाया गया

बताया जा रहा है कि 10 से 12 साल की उम्र के इन बच्चों को एक वेब सीरीज़ के ऑडिशन के लिए स्टूडियो बुलाया गया था। तीन घंटे तक बंधक बनाए रखने के नाटक के बाद पुलिस बच्चों को बचाने में कामयाब रही, लेकिन आर्या की कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई।


यामी गौतम की फिल्म की यही थी कहानी
जैसे ही इस मामले की जानकारी ऑनलाइन सामने आई, इंटरनेट पर लोग इसकी तुलना बॉलीवुड फिल्म 'ए थर्सडे' से करने लगे जिसमें यामी गौतम (जिन्होंने खुद एक टीचर की भूमिका निभाई है) गुरुवार को 16 बच्चों और दो बड़ों को बंधक बना लेती हैं। बंधकों को बंधक बनाने के बाद, वह इस स्थिति का इस्तेमाल सरकार से अपने पिछले दुख के लिए न्याय की मांग करने के लिए करती हैं।


पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर
अपने हैंडल पर इसे लिखते हुए एक ने ट्वीट किया और लिखा, 'एक व्यक्ति ने एक स्टूडियो के अंदर 17 बच्चों को बंधक बना लिया है, अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह उन्हें नुकसान पहुंचाएगा। पुलिस का कहना है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर लगता है। यामी गौतम की फिल्म ए थर्सडे (2022) के जैसा ही, लेकिन इस बार ये रियल स्वरूप भयावह है।'


इरफान खान की मदारी से भी तुलना
एक और ने ट्वीट किया, 'भाई, यह बंधक ड्रामा बिल्कुल यामी गौतम की फिल्म ए थर्सडे जैसा है।' एक अन्य ने कहा, 'इरफान खान की मदारी नामक एक अद्भुत फिल्म है और यामी गौतम की भी फिल्म ए थर्सडे वैसी ही है। इसकी पूरी कहानी इन दोनों फिल्मों से मेल खाती है।'

'लोग असल जिंदगी में फिल्मों की नकल कैसे कर रहे'
एक अन्य ने पूछा, 'यह जियोस्टार पर यामी गौतम की फिल्म ए थर्सडे की कहानी जैसा है... लोग असल जिंदगी में फिल्मों की नकल कैसे कर रहे हैं...।' दूसरे ने कहा, 'लगता है इसने यामी गौतम की फिल्म गुरुवार को देखी है।' वहीं कुछ ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर इसे इतना सब करने के पीछे क्या वजह रही?



रोहित ने वीडियो किया था पोस्ट
इस घटना को लेकर रोहित ने एक वीडियो बनाकर पोस्ट किया था। इस वीडियो में जो कुछ कहा गया है वो इस तरह है, 'मैं रोहित आर्या। सुसाइड करने की जगह मैंने एक प्लान बनाया और कुछ बच्चों को इधर हॉस्टेज रखा है। मेरे कुछ ज्यादा डिमांड्स नहीं हैं। बहुत सिंपल डिमांड्स हैं, बहुत मोरल डिमांड्स हैं, बहुत एथिकल डिमांड्स हैं। मेरे कुछ सवाल हैं, मुझे कुछ लोगों से बात करनी है और कुछ सवाल पूछनी है और उसके जवाब पर मुझे कुछ काउंटर क्वेश्चन पूछना है। लेकिन मुझे ये जवाब चाहिए। मुझे दूसरा कुछ नहीं चाहिए। न मैं टेररिस्ट हूं, न मेरी बहुत बड़ी पैसों की डिमांड है, इमोरल तो बिल्कुल भी नहीं है। सिंपल बातचीत करनी है जिसके लिए मैं इन बच्चों को हॉस्टेज लिया है। ये मैंने एक प्लान के तहत है किया है। लेट्स चेंज फॉर मैं सच में करने वाला था, सच में करने वाला हूं, अगर जिंदा रहा तो मैं करूंगा, अगर मैं मर गया तो कोई और करेगा लेकिन होगा जरूर। इन्हीं बच्चों के साथ होगा अगर िनको हार्म नहीं होता है तो। क्योंकि आपकी तरफ से एक छोटा सा गलत कदम मुझे ट्रिगर कर सकता है।'


कई बार किया विरोध प्रदर्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित आर्या को एक स्कूल के रेनोवेट करने का ठेका दिया गया था। उस वक्त दीपक केसरकर जब राज्य के शिक्षा मंत्री थे तब । उनका आरोप था कि उन्हें इस काम के लिए उन्हें भुगतान नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि रोहित आर्या ने भुगतान के लिए केसरकर के घर के बाहर कई बार इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
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