ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस रविवार, 31 अगस्त को बड़ा हादसा हुआ है। ढाका के फाइव स्टार वेस्टिन होटल में अमेरिकी सेना की विशेष बल कमान (एयरबोर्न) के अधिकारी टेरेंस अर्वेल जैक्सन की लाश मिली है। जैक्शन की रहस्यमयी मौत ने पूरे दक्षिण एशिया में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। बांग्लादेशी अधिकारियों ने शुरुआत जांच में प्राकृतिक मौत की बात कही। हालांकि उनके शव को ले जाने की गोपनीयता और अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों के उनके सामान की जब्ती कुछ अलग कहानी की ओर इशारा करती है।
बांग्लादेशी पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी का कहना है कि शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है। इस पृष्ठभूमि में जैक्सन की मौत के बड़े प्रभाव हो सकते हैं। जैक्सन पिछले कुछ महीनों से एक व्यावसायिक यात्रा पर बांग्लादेश में थे और 29 अगस्त को ही इस होटल में ठहरे थे। यहां दो दिन बाद ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनके व्यवसायी नहीं अफसर होने की बात सामने आई।
कुछ छुपाने की कोशिश?ढाका पुलिस को जैक्सन के शव का पोस्टमार्टम करने की अनुमति नहीं दी गई। अमेरिकी दूतावास ने जैक्सन के शव और उसके सभी सामानों को होटल से तुरंत हटा दिया। एक होटल कर्मचारी ने खुलासा किया कि दूतावास के अधिकारियों की जब्त की गई वस्तुओं में कई नक्शे, रेखाचित्र और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तीन बड़े सूटकेस और लैपटॉप शामिल थे।
जैक्सन की मौत के बाद सामने आया कि वह अमेरिकी सेना की विशेष बल कमान (एयरबोर्न) में सेवारत अधिकारी थे। पहले उनके व्यवसायी होने का दावा किया गया था। वह 2027 में रिटायर होने की प्लानिंग कर रहे थे। वह बीते 20 वर्षों से अमेरिका की सेना में थे। उन्होंने एशिया थिएटर में कई युद्धक तैनाती और अस्थायी ड्यूटी असाइनमेंट में भाग लिया।
जैक्सन बांग्लादेश में क्यों था?सूत्रों से पता चलता है कि जैक्सन चटगांव, कॉक्स बाजार, सिलहट और लालमोनिरहाट की लगातार यात्राएं कर रहा था।ये जिले उग्रवादी गलियारों और सीमा पार तस्करी के रास्तों से अपनी निकटता के लिए जाने जाते हैं। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या वह बांग्लादेश में इस्लामी आंदोलनों और म्यांमार की अराकान सेना से उनके संबंधों पर नजर रख रहा था।
जैक्सन कथित तौर पर दक्षिण एशिया में अमेरिका की भागीदारी तैयार करने में शामिल था। उसकी गतिविधियों से जुड़ी गोपनीयता और उसके होटल के कमरे से मिली संवेदनशील सामग्री से पता चलता है कि उसका मिशन व्यावसायिक नहीं, बल्कि खुफिया जानकारी से जुड़ा था। ऐसे में जैक्सन की मौत ने बांग्लादेश में एक बड़े जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा किया है।
बांग्लादेशी पत्रकार सलाहुद्दीन शोएब चौधरी का कहना है कि शेख हसीना के तख्तापलट के बाद से बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराया हुआ है। इस पृष्ठभूमि में जैक्सन की मौत के बड़े प्रभाव हो सकते हैं। जैक्सन पिछले कुछ महीनों से एक व्यावसायिक यात्रा पर बांग्लादेश में थे और 29 अगस्त को ही इस होटल में ठहरे थे। यहां दो दिन बाद ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनके व्यवसायी नहीं अफसर होने की बात सामने आई।
कुछ छुपाने की कोशिश?ढाका पुलिस को जैक्सन के शव का पोस्टमार्टम करने की अनुमति नहीं दी गई। अमेरिकी दूतावास ने जैक्सन के शव और उसके सभी सामानों को होटल से तुरंत हटा दिया। एक होटल कर्मचारी ने खुलासा किया कि दूतावास के अधिकारियों की जब्त की गई वस्तुओं में कई नक्शे, रेखाचित्र और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, तीन बड़े सूटकेस और लैपटॉप शामिल थे।
जैक्सन की मौत के बाद सामने आया कि वह अमेरिकी सेना की विशेष बल कमान (एयरबोर्न) में सेवारत अधिकारी थे। पहले उनके व्यवसायी होने का दावा किया गया था। वह 2027 में रिटायर होने की प्लानिंग कर रहे थे। वह बीते 20 वर्षों से अमेरिका की सेना में थे। उन्होंने एशिया थिएटर में कई युद्धक तैनाती और अस्थायी ड्यूटी असाइनमेंट में भाग लिया।
जैक्सन बांग्लादेश में क्यों था?सूत्रों से पता चलता है कि जैक्सन चटगांव, कॉक्स बाजार, सिलहट और लालमोनिरहाट की लगातार यात्राएं कर रहा था।ये जिले उग्रवादी गलियारों और सीमा पार तस्करी के रास्तों से अपनी निकटता के लिए जाने जाते हैं। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या वह बांग्लादेश में इस्लामी आंदोलनों और म्यांमार की अराकान सेना से उनके संबंधों पर नजर रख रहा था।
जैक्सन कथित तौर पर दक्षिण एशिया में अमेरिका की भागीदारी तैयार करने में शामिल था। उसकी गतिविधियों से जुड़ी गोपनीयता और उसके होटल के कमरे से मिली संवेदनशील सामग्री से पता चलता है कि उसका मिशन व्यावसायिक नहीं, बल्कि खुफिया जानकारी से जुड़ा था। ऐसे में जैक्सन की मौत ने बांग्लादेश में एक बड़े जासूसी नेटवर्क की ओर इशारा किया है।
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