पन्ना: मध्य प्रदेश के पन्ना में एक किसान ने इलाज के इंतजार में सरकारी डॉक्टर की दहलीज पर तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। परिजन और ग्रामीणों का आरोप है कि 35 मिनट इंतजार के बाद भी डॉक्टर बाहर नहीं आए ओर पत्नी की आड़ से मरीजों को टरकाते रहे। परिजन का आरोप है कि ड्यूटी के दौरान डॉक्टर नशे की हालत में थे और घर पर जाकर सो रहे थे।
जानकारी अनुसार पन्ना जिले के अमानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक नशेड़ी डॉक्टर के नशे की लत ने एक किसान की जान ले ली। बीते रोज 55 वर्षीय किसान अजय पाल सिंह को लेकर परिजन सीएचसी पहुंचे थे। यहां डॉक्टर मौजूद नहीं था सो परिजन अजय को लेकर अस्पताल परिसर में ही डॉक्टर के सरकारी आवास पर ले गए थे। जहां परिजन आवाज लगाते रहे और डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला, किसान अजय ने दरवाजे पर दम तोड़ दिया। मामले से गुस्साए परिजन और गांव के लोगों ने जमकर हंगामा कर दिया। कलेक्टर ने कथित नशेड़ी डॉ. को बीएमओ पद से तत्काल हटा दिया है। परिजन की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ वहीं पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
किसान को पेट में तेज दर्द हो रहा था
मृतक किसान अजय के भतीजे सुजय राजा ने बताया कि उनके चाचा के पेट में तेज दर्द हो रहा था, दहर्रा गांव से जिसके बाद वे उन्हें अस्पताल लेकर आए थे। साथी में पत्नी, बेटा रजउ और भतीजा ही आया था। जब अमानगंज अस्पतला पहुंचे तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। स्टाफ ने बताया कि प्रभारी बीएमओ व डॉक्टर आशीष तिवारी परिसर में ही स्थित सरकारी आवास में रहते हैं, इसलिए चाचा को लेकर परिसर में ही स्थित सरकारी आवास पहुंचे थे।
35 मिनट इंतजार, डॉक्टर नहीं आया बाहर
भतीजे सुजय सहित परिजनों का आरोप है कि डॉ. तिवारी नशे की हालत में थे और उन्होंने मरीज को देखने से इनकार कर दिया। किसान के भतीजे सुजय राजा ने बताया कि वे अजय पाल सिंह को लेकर सीधे डॉक्टर के सरकारी आवास पर पहुंचे और मदद के लिए गुहार लगाते रहे। करीब आधे घंटे तक आवाजे लगाते रहे। डॉक्टर की पत्नी 2-3 बार बाहर आईं, लेकिन बगैर कुछ बोले ही वे वापस चलीं गईं। इधर पेट में तेज दर्द के बाद अजय पाल ने डॉक्टर के दरवाजे पर ही दम तोड़ दिया।
हंगामे के बाद पहुंची पुलिस, कलेक्टर ने बीएमओ को हटाया
नशेड़ी डॉक्टर अजय पाल की लापरवाही और ड्यूटी के दौरान नशे में होने के बाद परिजन ने मौके पर हंगाम कर दिया। गांव से अन्य ग्रामीण भी आ गए। नारेबाजी के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और स्थिति की गंभीरता को संभाला। इधर कलेक्टर ने प्रथम दृष्टया डॉक्टर पर नशे के आरोप के बाद डॉ. आशीष तिवारी को बीएमओ पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। परिजन की शिकायत पर डॉ. के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी अनुसार पन्ना जिले के अमानगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक नशेड़ी डॉक्टर के नशे की लत ने एक किसान की जान ले ली। बीते रोज 55 वर्षीय किसान अजय पाल सिंह को लेकर परिजन सीएचसी पहुंचे थे। यहां डॉक्टर मौजूद नहीं था सो परिजन अजय को लेकर अस्पताल परिसर में ही डॉक्टर के सरकारी आवास पर ले गए थे। जहां परिजन आवाज लगाते रहे और डॉक्टर ने दरवाजा नहीं खोला, किसान अजय ने दरवाजे पर दम तोड़ दिया। मामले से गुस्साए परिजन और गांव के लोगों ने जमकर हंगामा कर दिया। कलेक्टर ने कथित नशेड़ी डॉ. को बीएमओ पद से तत्काल हटा दिया है। परिजन की शिकायत पर डॉक्टर के खिलाफ वहीं पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
किसान को पेट में तेज दर्द हो रहा था
मृतक किसान अजय के भतीजे सुजय राजा ने बताया कि उनके चाचा के पेट में तेज दर्द हो रहा था, दहर्रा गांव से जिसके बाद वे उन्हें अस्पताल लेकर आए थे। साथी में पत्नी, बेटा रजउ और भतीजा ही आया था। जब अमानगंज अस्पतला पहुंचे तो वहां डॉक्टर मौजूद नहीं थे। स्टाफ ने बताया कि प्रभारी बीएमओ व डॉक्टर आशीष तिवारी परिसर में ही स्थित सरकारी आवास में रहते हैं, इसलिए चाचा को लेकर परिसर में ही स्थित सरकारी आवास पहुंचे थे।
35 मिनट इंतजार, डॉक्टर नहीं आया बाहर
भतीजे सुजय सहित परिजनों का आरोप है कि डॉ. तिवारी नशे की हालत में थे और उन्होंने मरीज को देखने से इनकार कर दिया। किसान के भतीजे सुजय राजा ने बताया कि वे अजय पाल सिंह को लेकर सीधे डॉक्टर के सरकारी आवास पर पहुंचे और मदद के लिए गुहार लगाते रहे। करीब आधे घंटे तक आवाजे लगाते रहे। डॉक्टर की पत्नी 2-3 बार बाहर आईं, लेकिन बगैर कुछ बोले ही वे वापस चलीं गईं। इधर पेट में तेज दर्द के बाद अजय पाल ने डॉक्टर के दरवाजे पर ही दम तोड़ दिया।
हंगामे के बाद पहुंची पुलिस, कलेक्टर ने बीएमओ को हटाया
नशेड़ी डॉक्टर अजय पाल की लापरवाही और ड्यूटी के दौरान नशे में होने के बाद परिजन ने मौके पर हंगाम कर दिया। गांव से अन्य ग्रामीण भी आ गए। नारेबाजी के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और स्थिति की गंभीरता को संभाला। इधर कलेक्टर ने प्रथम दृष्टया डॉक्टर पर नशे के आरोप के बाद डॉ. आशीष तिवारी को बीएमओ पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। परिजन की शिकायत पर डॉ. के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
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