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हर्षवर्धन जैन ने कहा- 'बच्चों के छोटे-मोटे काम तक करते हैं मां-बाप, बिगाड़ रखी है उनकी जिंदगी'

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भारत में बच्‍चों का पालन-पोषण करने का तरीका बाकी देशों से अलग है। यहां पर बच्‍चों को गलती करने पर थप्‍पड़ भी मार दिया जाता है या उन पर चिल्‍लाने को गलत नहीं माना जाता है जबकि विदेशों में बच्‍चों के ऊपर चिल्‍लाना भी जुर्म है। भारत में बच्‍चों को हाथ से खाना खिलाना प्‍यार और दुलार का प्रतीक माना जाता है लेकिन विदेशों में इसे ठीक नहीं मानते हैं।

मोटिवेशनल स्‍पीकर और बिजनेस कोच हर्षवर्धन जैन ने अपनी एक स्‍पीच में कहा है कि भारत में भारत में बच्‍चे हर काम के लिए अपने पेरेंट्स पर निर्भर करते हैं। नल बंद करना हो या लाइट बंद करनी हो, उनके लिए हर काम पेरेंट्स ही करते हैं। उन्‍होंने कहा कि जिस दिन आप अपनी जिंदगी को अपने हाथ में लेते हैं, उस दिन सामाजिक, आर्थिक, आध्‍यात्मिक रूप से आप उन्‍नति की ओर आगे बढ़ेंगे लेकिन इसके लिए आपको अपनी लाइफ को अपने चार्ज में लेना होगा।

फोटो साभार: instagram (harshvardhanjainofficial)
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पेरेंट्स के लिए सीख image

मोटिवेशनल स्‍पीकर की इस बात से माता-पिता को यह पाठ सीखने को मिलता है कि उन्‍हें अपने बच्‍चों को कम उम्र से ही घर के छोटे-मोटे काम खुद करने देने चाहिए और ये काम करना सिखाना चाहिए। इसके बाद जब बच्‍चे थोड़े समझदार होते हैं, तब उन्‍हें अपने कुछ फैसले जैसे कि क्‍या पहनना है या क्‍या खाना है, आदि खुद लेने दें। इससे बच्‍चों की निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और वो आत्‍मविश्‍वासी बनते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको आगे बता रहे हैं कि बच्‍चों को किस तरह से आत्‍मनिर्भर बनाना चाहिए।


बच्‍चों को अपने काम खुद करने दें image

Dayton’s children hospitalकी वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि बच्‍चों को आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए उन्‍हें अपने काम खुद करने देना चाहिए। जो काम बच्‍चे की उम्र के हिसाब से है, उसे वो काम करने दें। इसके अलावा घर में सभी रहते हैं तो उसकी सफाई भी सभी को मिलकर करनी चाहिए। इससे बच्‍चे जिम्‍मेदार बनते हैं।

फोटो साभार: freepik


अपनी परेशानियों को सुलझाना image

आप अपने बच्‍चों को अपने सि‍बलिंग्‍स या साथियों के साथ अपने मतभेदों को खुद सुलझाने का मौका दें। इससे बच्‍चे को समझ आएगा कि वो किस तरह से बिना किसी की मदद अपनी मुश्किलों को सुलझा सकता है। इससे बच्‍चे के अंदर अपनी प्रॉब्‍लम्‍स को सॉल्‍व करने का स्किल सीखने को मिलेगा।फोटो साभार: freepik


तारीक जरूर करें image

jbcnschool.eduके अनुसार बच्‍चे जब अच्‍छा काम करते हैं, तब उनकी तारीफ जरूर करें। इससे बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा और वो सही काम करने के लिए प्रेरित रहेगा। माता-पिता की ओर से प्रोत्साहन या प्रशंसा के शब्द बच्चे के अपने कार्यों में विश्वास को मजबूत कर सकते हैं और उन्हें सकारात्मक रूप से मार्गदर्शन कर सकते हैं। ये आदतें, अगर कम उम्र से ही अपनाई जाएं, तो स्वतंत्रता और आत्मविश्वास के बीज बो सकती हैं, जिससे बच्चों को सक्रिय और जिम्मेदार वयस्क बनने में मदद मिलती है।

फोटो साभार: pexels


कोई जिम्‍मेदारी दें image

बच्‍चों को जिम्‍मेदार बनाने के लिए आप उनसे पूछें कि उन्‍हें क्‍या काम करना पसंद है। बच्‍चे को उसकी उम्र के हिसाब से काम कदें जैसे कि टेबल सैट करना, पौधों को पानी देना या कमरे का ठीक करना। अगर आप पार्टी करने वाले हैं, तो उसकी तैयारियों में बच्‍चे की मदद लें।\

फोटो साभार: freepik

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