नई दिल्लीः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में संभल में मस्जिद सर्वे मामले में मस्जिद कमेटी की पुर्नविचार याचिका खारिज कर दी है। सर्वे मामले में मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज हो गई है। हाई कोर्ट के फैसले से संभल मस्जिद कमेटी को झटका लगा है। यह फैसला जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच चल रहे विवाद से जुड़ा है। दरअसल, संभल मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी ने एक अर्जी दाखिल की है। इस अर्जी में उन्होंने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है। ट्रायल कोर्ट में एक मुकदमा चल रहा है, जिस पर यह रोक लगवाने की कोशिश कर रहे हैं। यह मामला जिला अदालत, संभल में चल रहा है।हिन्दू पक्ष के वकील, एडवोकेट गोपाल शर्मा ने ANI को बताया कि कोर्ट यह बताएगा कि क्या सिविल जज सीनियर डिवीजन सम्भल को सर्वे का आदेश देने का अधिकार था या नहीं। उन्होंने कहा, "19 नवंबर 2024 को, हमने एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे दो भागों में किया गया। जामा मस्जिद की पार्टी सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई... सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए कहा।"एडवोकेट शर्मा ने आगे कहा, "आदेश दो बातों पर आएगा: पहला यह कि क्या सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल को सर्वे का आदेश देने का अधिकार था या नहीं। और दूसरा: याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन, संभल की अदालत में सुनी जाएगी, या किसी अन्य अदालत में।" हाई कोर्ट यह तय करेगा कि सर्वे का आदेश सही था या नहीं। साथ ही, यह भी तय करेगा कि मामले की सुनवाई किस अदालत में होगी।पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को कमेटी ऑफ मैनेजमेंट, शाही जामा मस्जिद, सम्भल को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की स्टेटस रिपोर्ट पर जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि विवादित कुआं मस्जिद के बाहर स्थित है। यानी, कुआं मस्जिद की जमीन पर नहीं है।
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