आरा: बिहार में आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो चुका है। लेकिन अब इसी से जुड़ी कुछ ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जिसे पढ़ कर आपको भी लगेगा कि ये तो वाकई चमत्कार है। इसी तरह जैसा कुछ हुआ बिहार के भोजपुर जिले में। यहां आस्था के साथ एक ऐसा संयोग जुड़ गया कि लोग उसे चमत्कार जैसा ही मान रहे हैं। यहां सूर्य मंदिर में एक बच्चे ने जन्म लिया और लोगों ने उसे सूर्यपुत्र का नाम दे दिया है।
सूर्यमंदिर में 'सूर्यपुत्र' का जन्म
भोजपुरी के पीरो में बहरी महादेव धाम स्थित सूर्य मंदिर है। इसी सूर्य मंदिर के परिसर में छठ कर रही एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इसके बाद मंदिर के कैम्पस में ही उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। इसके बारे में जानते ही मंदिर परिसर में मौजूद बाकी श्रद्धालुओं के बीच भी खुशी का माहौल बन गया। मंदिर में मौजूद छठ व्रती और उनके साथ आए लोग नवजात बच्चे को देखने के लिए वहां उमड़ पड़े। सभी यही कह रहे थे कि ये तो सूर्य पुत्र है, क्योंकि इसका जन्म ही सूर्य देव की महापूजा के दिन हुआ।
जानिए किसने दिया 'सूर्य पुत्र' को जन्म
बताया जा रहा है कि अगिआंव बाजार थाना इलाके के जगदेवपुर गांव के रहने वाले मुकेश कुमार की पत्नी सीमा देवी परिवार के साथ छठ करने बहरी महादेव धाम मंदिर के सूर्य मंदिर आई थीं। सोमवार की शाम उन्होंने आराम से अस्ताचलगामी सूर्य नारायण को परिवार के साथ पहला अर्घ्य भी दिया। लेकिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने से पहले रात के करीब एक बजे के आस पास उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिवार वाले घबरा गए और उन्होंने मंदिर परिसर में बने हेल्थ कैंप के कर्मचारियों को इसके बारे में बताया।
मां-बेटा दोनों ही स्वस्थ
इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारी सीमा को फौरन कैम्प में ले आए। वहां दो ANM ने सुरक्षित तरीके से सीमा का प्रसव कराया। इसके बाद सीमा ने एक तंदरुस्त बेटे को जन्म दिया। पीरो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रवि के अनुसार प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों ही पूर्ण रुप से स्वस्थ्य हैं। बेटे के जन्म से ही पूरे छठ घाट और मुकेश के परिवार में खुशियां तैर गईं। एक तरह से छठ 2025 न सिर्फ मुकेश और सीमा के लिए बल्कि वहां मौजूद सभी छठव्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन गया।
सूर्यमंदिर में 'सूर्यपुत्र' का जन्म
भोजपुरी के पीरो में बहरी महादेव धाम स्थित सूर्य मंदिर है। इसी सूर्य मंदिर के परिसर में छठ कर रही एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इसके बाद मंदिर के कैम्पस में ही उसने एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। इसके बारे में जानते ही मंदिर परिसर में मौजूद बाकी श्रद्धालुओं के बीच भी खुशी का माहौल बन गया। मंदिर में मौजूद छठ व्रती और उनके साथ आए लोग नवजात बच्चे को देखने के लिए वहां उमड़ पड़े। सभी यही कह रहे थे कि ये तो सूर्य पुत्र है, क्योंकि इसका जन्म ही सूर्य देव की महापूजा के दिन हुआ।
जानिए किसने दिया 'सूर्य पुत्र' को जन्म
बताया जा रहा है कि अगिआंव बाजार थाना इलाके के जगदेवपुर गांव के रहने वाले मुकेश कुमार की पत्नी सीमा देवी परिवार के साथ छठ करने बहरी महादेव धाम मंदिर के सूर्य मंदिर आई थीं। सोमवार की शाम उन्होंने आराम से अस्ताचलगामी सूर्य नारायण को परिवार के साथ पहला अर्घ्य भी दिया। लेकिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने से पहले रात के करीब एक बजे के आस पास उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। परिवार वाले घबरा गए और उन्होंने मंदिर परिसर में बने हेल्थ कैंप के कर्मचारियों को इसके बारे में बताया।
मां-बेटा दोनों ही स्वस्थ
इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट के कर्मचारी सीमा को फौरन कैम्प में ले आए। वहां दो ANM ने सुरक्षित तरीके से सीमा का प्रसव कराया। इसके बाद सीमा ने एक तंदरुस्त बेटे को जन्म दिया। पीरो के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रवि के अनुसार प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा दोनों ही पूर्ण रुप से स्वस्थ्य हैं। बेटे के जन्म से ही पूरे छठ घाट और मुकेश के परिवार में खुशियां तैर गईं। एक तरह से छठ 2025 न सिर्फ मुकेश और सीमा के लिए बल्कि वहां मौजूद सभी छठव्रतियों और श्रद्धालुओं के लिए यादगार बन गया।
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