राम त्रिपाठी, नई दिल्ली: कांवड़ यात्रा के दौरान सुविधाएं बढ़ाने से शिव भक्त कावड़ यात्री काफी उत्साहित हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल दोगुनी कांवड़िये बताए जा रहे हैं। कावड़ कैंपों की संख्या भी दोगुनी होने से दिल्ली सरकार की तारीफ कर रहे कांवड़ियों की मांग है कि दिल्ली में भी यूपी और उत्तराखंड की तरह कांवड़ियों के लिए पूरा रोड रिजर्व किया जाना चाहिए। रविवार की तुलना में सोमवार को यूपी के भोपुरा बॉर्डर से कांवड़ियों का सैलाब दोगुनी संख्या में दिल्ली में प्रवेश करता दिखा। उनमें दिल्ली के अलावा हरियाणा और राजस्थान जाने वाले कांवड़िये भी शामिल हैं।
कैंपों में हैं ये सुविधाएं
भोपुरा बॉर्डर पार करने के बाद थोड़ी दूर पर कई कांवड़ कैंप लगे हुए हैं। उनमें से एक कैंप में थके हुए कांवड़ियों के पैरों को आराम देने के लिए मसाज सुविधा भी है। AC सुविधा वाले इस कैंप की संचालिका रिंकू दीदी ने बताया कि पैरों की मसाज के लिए चार मशीनें लगाई गई हैं। इससे कांवड़ियों को काफी आराम मिल रहा है। उधर, जीटी रोड के विभिन्न कैंपों में आराम कर रहे कांवड़ियों में ऐसे कांवड़िये भी है, जो कई साल से लगातार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं।
यूं हो रहा है ट्रैफिक प्रभावितदिल्ली में कांवड़ियों के यात्रा वाले रोड की एक लेन को बेरिकेट्स और प्लास्टिक की रस्सी बांधकर रिजर्व किया गया है। लेकिन, यह रास्ता कांवड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण पर्याप्त नहीं है। कैंपों के आसपास रोड की करीब दो लेन में कांवड़ रखी हुई हैं। डाक कांवड़ की गाड़ियां भी खड़ी हो जाती हैं। इससे कई जगह ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। कांवड़िये यूपी और उत्तराखंड की सुविधा का हवाला देते हुए बताते हैं कि वहां पर एक रोड कांवड़ियों के लिए रिजर्व है। दूसरी रोड पर ही ट्रैफिक आने और जाने की सुविधा है। दिल्ली में भी इस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए।
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कैंपों में हैं ये सुविधाएं
भोपुरा बॉर्डर पार करने के बाद थोड़ी दूर पर कई कांवड़ कैंप लगे हुए हैं। उनमें से एक कैंप में थके हुए कांवड़ियों के पैरों को आराम देने के लिए मसाज सुविधा भी है। AC सुविधा वाले इस कैंप की संचालिका रिंकू दीदी ने बताया कि पैरों की मसाज के लिए चार मशीनें लगाई गई हैं। इससे कांवड़ियों को काफी आराम मिल रहा है। उधर, जीटी रोड के विभिन्न कैंपों में आराम कर रहे कांवड़ियों में ऐसे कांवड़िये भी है, जो कई साल से लगातार कांवड़ यात्रा कर रहे हैं।
यूं हो रहा है ट्रैफिक प्रभावितदिल्ली में कांवड़ियों के यात्रा वाले रोड की एक लेन को बेरिकेट्स और प्लास्टिक की रस्सी बांधकर रिजर्व किया गया है। लेकिन, यह रास्ता कांवड़ियों की संख्या बढ़ने के कारण पर्याप्त नहीं है। कैंपों के आसपास रोड की करीब दो लेन में कांवड़ रखी हुई हैं। डाक कांवड़ की गाड़ियां भी खड़ी हो जाती हैं। इससे कई जगह ट्रैफिक प्रभावित हो रहा है। कांवड़िये यूपी और उत्तराखंड की सुविधा का हवाला देते हुए बताते हैं कि वहां पर एक रोड कांवड़ियों के लिए रिजर्व है। दूसरी रोड पर ही ट्रैफिक आने और जाने की सुविधा है। दिल्ली में भी इस प्रकार की व्यवस्था होनी चाहिए।
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