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अब नहीं होगा ऑनलाइन पेमेंट में धोखा! RBI ने कर दिया पक्का इंतजाम, 1 अप्रैल से लागू होगी व्यवस्था

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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल पेमेंट्स के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। ये अगले साल 1 अप्रैल से लागू होंगे। अब SMS OTP के अलावा पासवर्ड फिंगरप्रिंट और बायोमेट्रिक्स जैसे कई नए तरीकों से लेन-देन की पहचान (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) हो सकेगी। इससे ऑनलाइन ट्रांजैक्शन और भी सुरक्षित और सुविधाजनक बनेंगे। इन नए नियमों का मकसद धोखाधड़ी कम करना और ग्राहकों को ज्यादा सुरक्षा देना है।



RBI ने गुरुवार को ऐलान किया कि डिजिटल पेमेंट के नए नियम, अगले साल 1 अप्रैल से लागू होंगे। नए नियम SMS आधारित वन टाइम पासवर्ड (OTP) के अलावा टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) के और भी तरीकों को मंजूरी देते हैं। RBI ने कहा कि यदि इन निर्देशों का पालन किए बिना किए गए लेनदेन से कोई नुकसान होता है, तो ग्राहक को हुए नुकसान की पूरी भरपाई करना होगा।





क्या हो सकते हैं तरीके?

RBI ने बताया कि पहचान के तरीके 'कुछ ऐसा जो यूजर के पास है', 'कुछ ऐसा जो यूजर जानता है' या 'कुछ ऐसा जो यूजर है' में से हो सकते हैं। इनमें पासवर्ड, SMS आधारित OTP पासफ्रेज PIN, कार्ड हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर टोकन, फिंगरप्रिंट या बायोमेट्रिक्स का कोई भी दूसरा रूप (डिवाइस - नेटिव या आधार आधारित) शामिल हो सकते हैं RBI के निर्देश में यह साफ किया गया है कि 2FA अनिवार्य रहेगा और SMS OTP का भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।



भारत दुनिया के उन बाजारों में से है जो 2FA पर जोर देते हैं। फाइनैंशल सेक्टर के प्लेयर लेनदेन करने के लिए SMS आधारित अलर्ट पर निर्भर करते रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने पहली बार फरवरी 2024 में यह कदम उठाने का ऐलान किया था। मकसद ये था कि पेमेंट इकोसिस्टम वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन मैकेनिज्म लागू करने के लिए तकनीकी तरक्की का फायदा उठा सके।





यूनीक सिस्टम

नए नियमों में कहा गया है कि ऑथेंटिकेशन के कम से कम एक फैक्टर को डायनामिक रूप से बनाया या साबित किया जाए। वह उस लेनदेन के लिए यूनिक हो। इसके अलावा, ऐसा सिस्टम भी होना चाहिए, जहां एक फैक्टर के खतरे में पड़ने से दूसरे की विश्वसनीयता पर असर न पड़े।

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