नई दिल्ली: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार विश्व कप ट्रॉफी जीतकर कमाल कर दिया, लेकिन टीम की हर मेंबर के दिल में एक कसक थी। यह कसक थी अपनी साथी प्रतिका रावल को चोट लगने के कारण उसे मेडल नहीं मिलने की। 25 साल की प्रतिका रावल टूर्नामेंट में भारत की तरफ से रन बनाने में दूसरे नंबर पर रही थीं, लेकिन चोट के कारण सेमीफाइनल और फाइनल में नहीं खेल पाने के चलते उन्हें मेडल नहीं दिया गया था। टीम इंडिया ने अपनी साथी को साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में 52 रन की जीत के बाद मैदान में हुए सेलीब्रेशन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात तक में, हर जगह अपने साथ रखा है। इसके बावजूद हर कोई पूछ रहा था कि प्रतिका रावल का मेडल कहां है? इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से भी अपने नियम बदलकर प्रतिका को मेडल देने की मांग की जा रही थी। अब यह मांग पूरी हो गई है। आईसीसी चेयरमैन जय शाह ने निजी रूप से यह सुनिश्चित किया है कि प्रतिका को उनका मेडल मिले। मेडल प्रतिका को मिल गया है, जिसकी प्रतिका ने खुद पुष्टि की है। साथ ही यह भी बताया है कि मेडल मिलते ही उनकी आंखों से आंसू बहने लगे, लेकिन ये खुशी और अपना मेडल पाने के भावुक लम्हों के आंसू थे, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता।
जय शाह ने किया था मैसेज,'मेडल लाने का कर रहा हूं इंतजाम'जय शाह ने टीम इंडिया की मैनेजर को खुद निजी रूप से मैसेज किया था कि मैं प्रतिका को मेडल दिलाने की कोशिश कर रहा हूं। प्रतिका ने CNN न्यूज 18 को बताया कि जय शाह के इस मैसेज के बाद मुझे मेरा मेडल मिल गया है। अब आखिरकार मेरे पास अपना मेडल है। वर्ल्ड कप मेडल जब मैंने पहली बार खोला तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। मैं ज्यादा रोने वाली इंसान नहीं हूं, लेकिन इसे देखकर मैं भावुक हो गई।'
पीएम मोदी के साथ फोटो में दिखा था गले में मेडलप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गुरुवार को पूरी टीम दिल्ली में उनके ऑफिशियल आवास पर पहुंची थी। वहां टीम के साथ पीएम मोदी ने ग्रुप फोटो क्लिक कराया था। उस ग्रुप फोटो में प्रतिका के गले में मेडल था। उस समय यह बात सामने आई थी कि अमनजोत कौर ने अपना मेडल प्रतिका को फोटो के लिए दिया है। हालांकि अब भी यह स्पष्ट नहीं है कि वो मेडल अमनजोत का था या प्रतिका को तब तक मेडल मिल चुका था।
शेफाली ने ली थी टीम में प्रतिका की जगहप्रतिका रावल ने ग्रुप मैचों में भारत के लिए एक शतक और एक फिफ्टी के साथ 6 पारी में 308 रन बनाए थे। वह अपनी साथी ओपनर स्मृति मंधाना के बाद भारत के लिए दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज थीं। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच के दौरान प्रतिका को फील्डिंग करते समय पैर मुड़ने से गंभीर चोट लग गई थी। इसके चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था। इसके बाद शेफाली वर्मा को उनकी जगह सेमीफाइनल और फाइनल मैच के लिए टीम में शामिल किया गया था। आईसीसी के नियमों के हिसाब से फाइनल में मौजूद 15 मेंबर टीम को ही मेडल दिया जाता है। इसके चलते प्रतिका रावल को उनका मेडल नहीं मिला था, लेकिन अब जय शाह ने उन्हें मेडल दिलाकर आईसीसी के नियमों को ही पलट दिया है।
जय शाह ने किया था मैसेज,'मेडल लाने का कर रहा हूं इंतजाम'जय शाह ने टीम इंडिया की मैनेजर को खुद निजी रूप से मैसेज किया था कि मैं प्रतिका को मेडल दिलाने की कोशिश कर रहा हूं। प्रतिका ने CNN न्यूज 18 को बताया कि जय शाह के इस मैसेज के बाद मुझे मेरा मेडल मिल गया है। अब आखिरकार मेरे पास अपना मेडल है। वर्ल्ड कप मेडल जब मैंने पहली बार खोला तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। मैं ज्यादा रोने वाली इंसान नहीं हूं, लेकिन इसे देखकर मैं भावुक हो गई।'
पीएम मोदी के साथ फोटो में दिखा था गले में मेडलप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गुरुवार को पूरी टीम दिल्ली में उनके ऑफिशियल आवास पर पहुंची थी। वहां टीम के साथ पीएम मोदी ने ग्रुप फोटो क्लिक कराया था। उस ग्रुप फोटो में प्रतिका के गले में मेडल था। उस समय यह बात सामने आई थी कि अमनजोत कौर ने अपना मेडल प्रतिका को फोटो के लिए दिया है। हालांकि अब भी यह स्पष्ट नहीं है कि वो मेडल अमनजोत का था या प्रतिका को तब तक मेडल मिल चुका था।
शेफाली ने ली थी टीम में प्रतिका की जगहप्रतिका रावल ने ग्रुप मैचों में भारत के लिए एक शतक और एक फिफ्टी के साथ 6 पारी में 308 रन बनाए थे। वह अपनी साथी ओपनर स्मृति मंधाना के बाद भारत के लिए दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज थीं। बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच के दौरान प्रतिका को फील्डिंग करते समय पैर मुड़ने से गंभीर चोट लग गई थी। इसके चलते उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा था। इसके बाद शेफाली वर्मा को उनकी जगह सेमीफाइनल और फाइनल मैच के लिए टीम में शामिल किया गया था। आईसीसी के नियमों के हिसाब से फाइनल में मौजूद 15 मेंबर टीम को ही मेडल दिया जाता है। इसके चलते प्रतिका रावल को उनका मेडल नहीं मिला था, लेकिन अब जय शाह ने उन्हें मेडल दिलाकर आईसीसी के नियमों को ही पलट दिया है।
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