कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सड़क हादसे में एक मौत का मामला आया है। मृतक हत्याकांड का दोषी था। दरअसल, देश के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की एक सड़क हादसे में मौत का मामला सामने आया है। यह हादसा मंगलवार की रात लगभग 10 बजे कुशीनगर जिले के फाजिलनगर कस्बे के बघौचघाट मोड़ पर हुआ। घटना में एक तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक सवार तीन लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें सुखदेव की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, इस हादसे में दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
क्या है पूरा मामला?जानकारी के अनुसार, मृतक सुखदेव यादव (55 वर्ष) पुत्र विश्वनाथ यादव, अपने गांव तरुवनवा (कुंभिया टोला), थाना चौराखास का निवासी था। मंगलवार को वह अपने दो साथियों विजय गुप्ता (45 वर्ष) और भागवत सिंह (50 वर्ष) के साथ किसी रिश्तेदार के यहां गया था। देर रात तीनों एक ही बाइक से वापस लौट रहे थे।
तीनों जब बघौचघाट मोड़ के पास पहुंचे थे। इसी दौरान सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार तीनों उछलकर सड़क पर जा गिरे। सुखदेव यादव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिसघटना की सूचना मिलते ही फाजिलनगर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों घायलों को सीएचसी फाजिलनगर भेजा गया। वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हादसे के बाद स्कार्पियो भी डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस ने वाहन को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
20 साल की सजा काटकर लौटाबताया जा रहा है कि मृतक सुखदेव यादव नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी था और उसने 20 साल की सजा काटी थी। वह चार महीने पहले ही जेल से रिहा होकर घर लौटा था। 2002 में हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड में पूर्व मंत्री डीपी यादव के बेटे विकास यादव और उनके चचेरे भाई विशाल यादव को 25 साल की सजा, जबकि सह-दोषी सुखदेव यादव को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।
क्या था नीतीश हत्याकांड?14 फरवरी 2002 को दिल्ली के एक विवाह समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण कर लिया गया था। बाद में उसकी हत्या कर शव को गाजियाबाद के निकट जलाया गया था। इस हत्याकांड के पीछे विकास यादव की बहन भारती यादव और नीतीश कटारा के बीच संबंधों को लेकर पारिवारिक आपत्ति बताई गई थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने तीनों को दोषी ठहराया था।
पुलिस ने की कार्रवाईइस हादसे के संबंध में चौकी प्रभारी मधुरिया ब्रह्मा उपाध्याय ने बताया कि ठोकर मारने वाला वाहन पुलिस के कब्जे में है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस हादसे की जांच में जुटी है और यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि स्कार्पियो किसकी थी? हादसे के समय वाहन कौन चला रहा था?
क्या है पूरा मामला?जानकारी के अनुसार, मृतक सुखदेव यादव (55 वर्ष) पुत्र विश्वनाथ यादव, अपने गांव तरुवनवा (कुंभिया टोला), थाना चौराखास का निवासी था। मंगलवार को वह अपने दो साथियों विजय गुप्ता (45 वर्ष) और भागवत सिंह (50 वर्ष) के साथ किसी रिश्तेदार के यहां गया था। देर रात तीनों एक ही बाइक से वापस लौट रहे थे।
तीनों जब बघौचघाट मोड़ के पास पहुंचे थे। इसी दौरान सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कार्पियो ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सवार तीनों उछलकर सड़क पर जा गिरे। सुखदेव यादव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिसघटना की सूचना मिलते ही फाजिलनगर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों घायलों को सीएचसी फाजिलनगर भेजा गया। वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। हादसे के बाद स्कार्पियो भी डिवाइडर से टकरा गई। पुलिस ने वाहन को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
20 साल की सजा काटकर लौटाबताया जा रहा है कि मृतक सुखदेव यादव नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी था और उसने 20 साल की सजा काटी थी। वह चार महीने पहले ही जेल से रिहा होकर घर लौटा था। 2002 में हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड में पूर्व मंत्री डीपी यादव के बेटे विकास यादव और उनके चचेरे भाई विशाल यादव को 25 साल की सजा, जबकि सह-दोषी सुखदेव यादव को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।
क्या था नीतीश हत्याकांड?14 फरवरी 2002 को दिल्ली के एक विवाह समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण कर लिया गया था। बाद में उसकी हत्या कर शव को गाजियाबाद के निकट जलाया गया था। इस हत्याकांड के पीछे विकास यादव की बहन भारती यादव और नीतीश कटारा के बीच संबंधों को लेकर पारिवारिक आपत्ति बताई गई थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत ने तीनों को दोषी ठहराया था।
पुलिस ने की कार्रवाईइस हादसे के संबंध में चौकी प्रभारी मधुरिया ब्रह्मा उपाध्याय ने बताया कि ठोकर मारने वाला वाहन पुलिस के कब्जे में है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज कर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस हादसे की जांच में जुटी है और यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि स्कार्पियो किसकी थी? हादसे के समय वाहन कौन चला रहा था?





