बड़वानीः बीजेपी के कद्दावर नेता प्रेम सिंह के पुत्र बलवंत सिंह पटेल ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने जिले में नल जल योजना को फेल बताते हुए सवाल किया है। उन्होंने अपने दावों को गलत सिद्ध होने पर इस्तीफा देने की भी पेशकश कर दी है। यह मामला पिछले तीन-चार दिनों से सुर्खियों में है।
बलवंत सिंह पटेल ने जिला पंचायत और पीएचई के अधिकारियों पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें लिखा था कि बड़वानी जिले में 80% आदिवासियों को पीएम की महत्वाकांक्षी योजना नल जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल तथा आंगनबाड़ियों में भी पानी नहीं है। उन्होंने सरकारी दामों को गलत बताते हुए कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों का खेल है।
दावा झूठ होने पर पद छोड़ने की पेशकश
अगले दिन उन्होंने दावा करते हुए एक और पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात गलत निकलती है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। बलवंत सिंह पटेल पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता प्रेम सिंह पटेल के पुत्र हैं। साथ ही बड़वानी जिला पंचायत के अध्यक्ष है। उनकी इस गतिविधि से प्रशासनिक खेमे में हलचल मच गई है।
नल जल फेल होने का दावा
पटेल ने चर्चा में कहा कि शासन ने राशि देने में कमी नहीं की। लेकिन ठेकेदारों और अफसरों की मिली भगत से यह योजना फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि जिले के 262 में से 150 से अधिक स्थानों परियोजना ठप पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि जब वे गांव में जाते हैं तो महिलाएं उन्हें घर में पानी नहीं आने का हवाला देती हैं। उनके सामने उन्हें शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सुदूर क्षेत्र तो छोड़ दीजिए बड़वानी के समीप ही कई जगह यह योजना नहीं चल रही है।
प्रशासन ने दी सफाई
जिला पंचायत बड़वानी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी काजल जावला ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि जिले में पीएचई की सिंगल विलेज योजना के तहत 336 नल जल योजना स्वीकृत की गई है। साथ ही 282 गांवों के घरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 203 योजनाएं पंचायतों को सौंपी जा चुकी हैं। 61 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सौंपने से पहले उनका परीक्षण किया जा रहा है।
शेष योजना पीएचई और जल निगम के माध्यम से करीब 50 दूरदराज के गांवों में प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर स्रोत नहीं मिला और कुछ स्थानों पर रखरखाव कार्य के कारण योजना अस्थायी रूप से बाधित हुई होगी। उन्होंने बताया कि यह जानकारी जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंत सिंह पटेल को भी प्रदान कर दी गई है।
बलवंत सिंह पटेल ने जिला पंचायत और पीएचई के अधिकारियों पर हमला बोलते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की थी। इसमें लिखा था कि बड़वानी जिले में 80% आदिवासियों को पीएम की महत्वाकांक्षी योजना नल जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्कूल तथा आंगनबाड़ियों में भी पानी नहीं है। उन्होंने सरकारी दामों को गलत बताते हुए कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों का खेल है।
दावा झूठ होने पर पद छोड़ने की पेशकश
अगले दिन उन्होंने दावा करते हुए एक और पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात गलत निकलती है तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। बलवंत सिंह पटेल पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता प्रेम सिंह पटेल के पुत्र हैं। साथ ही बड़वानी जिला पंचायत के अध्यक्ष है। उनकी इस गतिविधि से प्रशासनिक खेमे में हलचल मच गई है।
नल जल फेल होने का दावा
पटेल ने चर्चा में कहा कि शासन ने राशि देने में कमी नहीं की। लेकिन ठेकेदारों और अफसरों की मिली भगत से यह योजना फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि जिले के 262 में से 150 से अधिक स्थानों परियोजना ठप पड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि जब वे गांव में जाते हैं तो महिलाएं उन्हें घर में पानी नहीं आने का हवाला देती हैं। उनके सामने उन्हें शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सुदूर क्षेत्र तो छोड़ दीजिए बड़वानी के समीप ही कई जगह यह योजना नहीं चल रही है।
प्रशासन ने दी सफाई
जिला पंचायत बड़वानी की मुख्य कार्यपालन अधिकारी काजल जावला ने आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि जिले में पीएचई की सिंगल विलेज योजना के तहत 336 नल जल योजना स्वीकृत की गई है। साथ ही 282 गांवों के घरों में पानी पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 203 योजनाएं पंचायतों को सौंपी जा चुकी हैं। 61 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और सौंपने से पहले उनका परीक्षण किया जा रहा है।
शेष योजना पीएचई और जल निगम के माध्यम से करीब 50 दूरदराज के गांवों में प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर स्रोत नहीं मिला और कुछ स्थानों पर रखरखाव कार्य के कारण योजना अस्थायी रूप से बाधित हुई होगी। उन्होंने बताया कि यह जानकारी जिला पंचायत अध्यक्ष बलवंत सिंह पटेल को भी प्रदान कर दी गई है।
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