इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट करने के अपनी सरकार के फैसले का बचाव किया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप को क्षेत्र में तनाव कम करने का क्रेडिट दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव के दौरान क्षेत्र को विनाश से बचाने में मदद की। उन्होंने यह भी कहा कि जून में पाकिस्तानी सरकार ने ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया है, क्योंकि उनके निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और निर्णायक नेतृत्व ने मई के दौरान भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
आपको बता दें कि मई महीने में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद से डोनाल्ड लगातार युद्धविराम करवाने की क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भारत ने साफ शब्दों में बार बार कहा है कि युद्धविराम समझौते में अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप का कोई योगदान नहीं है। भारत ने युद्धविराम को लेकर कहा है कि पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए DGMO को फोन किया था और उसके बाद भारत युद्धविराम के लिए तैयार हुआ, क्योंकि युद्ध में भारत का मकसद पूरा हो चुका था।
ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिलवाना चाहता पाकिस्तान
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि "डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव को कम किया और इस क्षेत्र को बड़े विनाश से बचाया।" उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर ट्रंप ने इस तनाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो परिणाम और विनाशकारी हो सकते थे और बहुत ज्यादा जीवन का नुकसान हुआ होता। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि ट्रंप ने सिर्फ भारत-पाकिस्तान संघर्ष को ही नहीं, बल्कि इथियोपिया और इजिप्ट के बीच तनाव और यूक्रेन संकट में भी मदद की।
शहबाज ने कहा कि ट्रंप की कूटनीति ने वैश्विक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया और क्षेत्रीय संकटों को हल करने में उनका नेतृत्व निर्णायक रहा। उन्होंने कहा कि ट्रंप का हस्तक्षेप सिर्फ राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने वास्तविक कार्रवाई और बातचीत के माध्यम से विवादित परिस्थितियों को नियंत्रित किया। शहबाज शरीफ के मुताबिक, ट्रंप की पहल ने न सिर्फ पाकिस्तान और भारत के बीच, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़े संकटों को टालने में मदद की, जिससे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना उचित ठहरता है।
आपको बता दें कि मई महीने में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद से डोनाल्ड लगातार युद्धविराम करवाने की क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भारत ने साफ शब्दों में बार बार कहा है कि युद्धविराम समझौते में अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप का कोई योगदान नहीं है। भारत ने युद्धविराम को लेकर कहा है कि पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए DGMO को फोन किया था और उसके बाद भारत युद्धविराम के लिए तैयार हुआ, क्योंकि युद्ध में भारत का मकसद पूरा हो चुका था।
ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिलवाना चाहता पाकिस्तान
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि "डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव को कम किया और इस क्षेत्र को बड़े विनाश से बचाया।" उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर ट्रंप ने इस तनाव को कम करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो परिणाम और विनाशकारी हो सकते थे और बहुत ज्यादा जीवन का नुकसान हुआ होता। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि ट्रंप ने सिर्फ भारत-पाकिस्तान संघर्ष को ही नहीं, बल्कि इथियोपिया और इजिप्ट के बीच तनाव और यूक्रेन संकट में भी मदद की।
शहबाज ने कहा कि ट्रंप की कूटनीति ने वैश्विक स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान दिया और क्षेत्रीय संकटों को हल करने में उनका नेतृत्व निर्णायक रहा। उन्होंने कहा कि ट्रंप का हस्तक्षेप सिर्फ राजनयिक स्तर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने वास्तविक कार्रवाई और बातचीत के माध्यम से विवादित परिस्थितियों को नियंत्रित किया। शहबाज शरीफ के मुताबिक, ट्रंप की पहल ने न सिर्फ पाकिस्तान और भारत के बीच, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़े संकटों को टालने में मदद की, जिससे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करना उचित ठहरता है।
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