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नीतीश से लड़ते-लड़ते अब मीडिया से लड़ने लगे तेजस्वी! जमकर निकाली भड़ास, सत्ता के सामने सरेंडर का आरोप

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पटना: बिहार में आपराधिक घटनाओं की कवरेज को लेकर तेजस्वी यादव ने अखबार/मीडिया को निशाने पर रखा। उनका आरोप है कि अखबारों में विपक्षी नेताओं को कम जगह दी जाती है। बाद में उन्होंने 5 मिनट 56 सेकंड का अपने भाषण का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। जिस पर उन्होंने लिखा, 'सरकार के मुखपत्र बन गए हैं मीडिया और अखबार! सत्ता के सामने नतमस्तक हो चुकी मीडिया से सच्चाई की अपेक्षा नहीं की जा सकती!' दरअसल, पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की घर के बाहर हत्या कर दी गई। इसके बाद से ही बिहार की सियासत में उबाल है।





नीतीश से लड़ते-लड़ते तेजस्वी अब मीडिया से लड़ने लगेनीतीश सरकार पर भड़ास निकालने के बाद तेजस्वी यादव ने पत्रकारों को देखते हुए उनकी ओर मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, 'अफसोस है कि हमारी मीडिया जो है, कुछ मीडिया... कुछ लोग ठीक हैं। लेकिन कुछ मीडिया हैं, 'उनका' टीटीएम करने का काम ये लोग छोड़ेंगे नहीं। ताबड़तोड़ तेल मालिश करो...मीडिया के लोगों। एजेंडा सेट करते हैं, प्रोपेगेंड करते हैं ये। ऐसे लोगों ने बिहार और देश को बर्बाद करने का काम किया है।' तेजस्वी ने कुछ अखबारों पर विपक्ष की बातों को नहीं छापने का आरोप लगाया।







तेजस्वी यादव ने मीडिया वालों को कायर तक कह डालाबात यहीं नहीं रूकी, तेजस्वी ने कहा कि लालू जी का राज था, राबड़ी जी का शासन था तो विपक्ष की खबर पहले पन्ने पर छपता था। कहीं चींटी मर गई तो उसको दिखाया जाता था। आज बिहार में अपराध हो गया...बढ़ रहा है लेकिन इन कायरों की हिम्मत नहीं है कि पहले पन्ने पर छाप सके। कायर हैं ये। और ऐसे अखबार हैं हम इनको कुछ दिनों का समय देते हैं, फिर हम अपने समर्थकों से कहेंगे, ऐसे-ऐसे अखबारों को कि अगर नहीं सुधरोगे तो आपका बायकॉट करेगा, कोई गांव में अखबार नहीं पढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जो देश को बर्बाद कर रहा है, उसमें सबसे बड़ी भूमिका मीडिया की है। इसके अलावा भी तेजस्वी ने मीडिया को जमकर भला-बुरा कहा।





अब तेजस्वी की मीडिया से नाराजगीतेजस्वी यादव ने कहा कि 2005 से पहले क्या ऐसा होता था? यही हमारे चाचा (नीतीश कुमार) थे, जब हमारे साथ 17 महीने थे। तो कहते थे कि अखबार वाला छापता है? सब तो 'वहीं' से तय होता है। अखबार वालों को क्या करना है, बैठे-बैठे सब मिल रहे है। अब जर्नलिज्म खत्म हो चुका है तो पत्रकार के नाम लोगों को नहीं देना चाहिए, पत्रकार के नाम दूसरा नाम दिया जाएगा। जब बॉयकॉट किया जाएगा इनका। आरजेडी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुले अधिवेशन को तेजस्वी यादव संबोधित कर रहे थे।





तेजस्वी देने लगे मीडिया को नसीहतमीडिया को लेकर तेजस्वी यादव काफी नाराज दिखे उन्होंने कहा कि अभी भी बोलता हूं सुधरिए, अभी तो थोड़ा-थोड़ा मजा ले रहा है लोग। बाद में जब कोई नहीं बचेगा तो आप भी नहीं बचोगे। फिर आपको भी नहीं छोड़ेगा ये लोग। जो लोग सत्ता में हैं। समझना चाहिए। जिस दिन 17 महीने वाली सरकार में शपथ लिए थे उस दिन आरा में कहीं कुछ घटना हुई थी तो यही मीडिया के लोग छापे थे जंगल राज रिटर्न्स। आज क्या है? आज क्या स्थिति है? कहीं भी जाओ ब्लॉक जाओ थाने जाओ। घूसखोरी बड़ी है कि नहीं बड़ी है? किस प्रकार का घोटाला हो रहा है?





विज्ञापन वाला वाकया भी तेजस्वी ने सुनायाकार्यकर्ताओं ने जोश भरने के लिए तेजस्वी ने कहा कि जब मोदी जी और उनके आकाओं से लालू यादव नहीं डरे तो उनका बेटवा डर जाएगा? उनका बेटा अखबार वालों से डर जाएगा? हम लोग डरे हुए नहीं हैं। जो लड़ता है वही जीतता है तो इसलिए आप सभी लोग साथ मिलकर लड़ाई शुरू करें। इसके अलावा तेजस्वी ने इस बात पर भी आपत्ति दर्ज कराई कि पैसे देने के बावजूद कुछ शब्दों को लेकर उनका विज्ञापन कुछ अखबारों ने नहीं छापा।

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