नई दिल्ली: देश के प्रमुख रिटेल इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म ग्रो (Groww) के आईपीओ में निवेशकों का जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। कंपनी ने अपने आईपीओ के आखिरी दिन 17.6 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया। इसका मतलब है कि कंपनी ने जितने शेयर बिक्री के लिए रखे गए थे, उससे लगभग 17.6 गुना ज्यादा लोगों ने उन्हें खरीदने की इच्छा जताई। कुल मिलाकर 641.86 करोड़ रुपये के बिड मिले, जबकि 36.47 करोड़ शेयर ही ऑफर पर थे।
रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स कैटगरी में इसे 9.43 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस कैटगरी में 6.63 करोड़ शेयर रिजर्व थे। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) में इसे 14.20 गुना सब्सक्रिप्शन मिला जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) कैटगरी में 22.02 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। हालांकि, ग्रे मार्केट में ग्रो के आईपीओ का प्रीमियम (GMP) थोड़ा नरम पड़ गया है। ग्रो आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अब महज 5 रुपये रह गया है। यह इश्यू प्राइस (100 रुपये) से करीब 5% ज्यादा है। इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि शेयर लिस्टिंग के समय लगभग 105 रुपये पर लिस्ट हो सकता है। यह प्रीमियम पहले 14.5% था।
क्या करेगी कंपनी
बेंगलुरु की कंपनी ग्रो के आईपीओ में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, ब्रांड बनाने और मार्केटिंग पर खर्च करने के लिए करेगी। इस आईपीओ को कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, सिटीग्रुप, एक्सिस कैपिटल और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स मिलकर मैनेज कर रहे हैं। MUFG Intime इसका रजिस्ट्रार है।
आईपीओ में बोली 4 नवंबर 2025 को शुरू हुई और 7 नवंबर 2025 को बंद हुई। शेयरों के अलॉटमेंट का आधार 10 नवंबर 2025 को फाइनल होने की उम्मीद है। कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई पर 12 नवंबर 2025 को लिस्ट हो सकते हैं। ग्रो की स्थापना 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जीक्यूटिव ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। यह तेजी से भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक, इसके 47.9 मिलियन (4.79 करोड़) एक्टिव NSE यूजर्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज्यादा है।
रिटेल इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स कैटगरी में इसे 9.43 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। इस कैटगरी में 6.63 करोड़ शेयर रिजर्व थे। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) में इसे 14.20 गुना सब्सक्रिप्शन मिला जबकि क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) कैटगरी में 22.02 गुना सब्सक्रिप्शन मिला। हालांकि, ग्रे मार्केट में ग्रो के आईपीओ का प्रीमियम (GMP) थोड़ा नरम पड़ गया है। ग्रो आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) अब महज 5 रुपये रह गया है। यह इश्यू प्राइस (100 रुपये) से करीब 5% ज्यादा है। इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि शेयर लिस्टिंग के समय लगभग 105 रुपये पर लिस्ट हो सकता है। यह प्रीमियम पहले 14.5% था।
क्या करेगी कंपनी
बेंगलुरु की कंपनी ग्रो के आईपीओ में 1,060 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 5,572 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। फ्रेश इश्यू से मिले पैसों का इस्तेमाल कंपनी अपने क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने, ब्रांड बनाने और मार्केटिंग पर खर्च करने के लिए करेगी। इस आईपीओ को कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन, सिटीग्रुप, एक्सिस कैपिटल और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स मिलकर मैनेज कर रहे हैं। MUFG Intime इसका रजिस्ट्रार है।
आईपीओ में बोली 4 नवंबर 2025 को शुरू हुई और 7 नवंबर 2025 को बंद हुई। शेयरों के अलॉटमेंट का आधार 10 नवंबर 2025 को फाइनल होने की उम्मीद है। कंपनी के शेयर बीएसई और एनएसई पर 12 नवंबर 2025 को लिस्ट हो सकते हैं। ग्रो की स्थापना 2017 में फ्लिपकार्ट के पूर्व एग्जीक्यूटिव ललित केशरे, हर्ष जैन, ईशान बंसल और नीरज सिंह ने की थी। यह तेजी से भारत का सबसे बड़ा रिटेल इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बन गया है। जून 2025 तक, इसके 47.9 मिलियन (4.79 करोड़) एक्टिव NSE यूजर्स थे, जो 2016 की तुलना में नौ गुना ज्यादा है।
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