बाराबंकी: शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और 15 दुकानों के ध्वस्तीकरण पर सिविल कोर्ट द्वारा लगाए गए स्टे को अपर जिला जज ज्ञानप्रकाश शुक्ला ने निरस्त कर दिया। इसके साथ ही पुनरीक्षण के मुकदमे को समाप्त करते हुए एसडीएम रामनगर के निर्माण के आदेश को बहाल कर दिया। इसके साथ ही महादेवा कॉरीडोर के निर्माण का अवरोध शनिवार को खत्म हो गया।
जॉइंट मैजिस्ट्रेट व एसडीएम गुंजिता अग्रवाल की देखरेख में शुरू हुआ ध्वस्तीकरण अभियान रविवार को भी जारी रहेगा। प्रशासन द्वारा विडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी करवाई जा रही है। इस मौके पर एसडीएम फतेहपुर कार्तिकेय सिंह, तहसीलदार विपुल सिंह, सीओ गरिमा पंत, जगतपाल कनौजिया मौजूद रहे।
क्या था मामला
दो साल पहले संयुक्त मैजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल और कार्तिकेय सिंह की मौजूदगी में शनिवार को अभियान चलाकर अवैध निर्माण तोड़ा गया।
श्रीलोधेश्वर महादेव सुश्रषा ट्रस्ट के महंत बीपी दास ने गाटा संख्या 54 रकबा 0.33 (2) पर अवैध निर्माण और इससे शिवार्चन के जल की निकासी का रास्ता बाधित करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन एसडीएम से शिकायत की।
तहसीलदार व इंस्पेक्टर रामनगर की जांच में पता चला कि महादेवा कॉरीडोर के लिए चिह्नित 5.072 हेक्टेअर जमीन में से 2.26 हेक्टेअर आबादी वाली थी। यहां बने 124 घर और रियाज अहमद का शॉपिंग काम्प्लेक्स अवैध है। इसमें से 2.084 हेक्टेयर जमीन पर काबिज 98 लोगों ने पर्यटन विभाग के नाम चैनामा कर दिया है। शेष 1.412 हेक्टेअर जमीन पर लोग अवैध रूप से काबिज है।
रिपोर्ट के आधार पर पर एसडीएम ने 11 मार्च 2025 को दीनमोहम्मद, अजय तिवारी, आदित्य कुमार, अनिल कुमार, वीरेंद्र तिवारी, अनिल अवस्थी व राकेश अवस्थी सहित 13 लोगों को एक सप्ताह में निर्माण हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ दीनमोहम्मद व अजय तिवारी ने वाद दायर किया, जिस पर सिविल न्यायालय ने स्थागनादेश पारित किया। अब शेष जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही विशेष रिव्यू कमिटी भी गठित की जा चुकी है।
जॉइंट मैजिस्ट्रेट व एसडीएम गुंजिता अग्रवाल की देखरेख में शुरू हुआ ध्वस्तीकरण अभियान रविवार को भी जारी रहेगा। प्रशासन द्वारा विडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी करवाई जा रही है। इस मौके पर एसडीएम फतेहपुर कार्तिकेय सिंह, तहसीलदार विपुल सिंह, सीओ गरिमा पंत, जगतपाल कनौजिया मौजूद रहे।
क्या था मामला
दो साल पहले संयुक्त मैजिस्ट्रेट गुंजिता अग्रवाल और कार्तिकेय सिंह की मौजूदगी में शनिवार को अभियान चलाकर अवैध निर्माण तोड़ा गया।
श्रीलोधेश्वर महादेव सुश्रषा ट्रस्ट के महंत बीपी दास ने गाटा संख्या 54 रकबा 0.33 (2) पर अवैध निर्माण और इससे शिवार्चन के जल की निकासी का रास्ता बाधित करने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन एसडीएम से शिकायत की।
तहसीलदार व इंस्पेक्टर रामनगर की जांच में पता चला कि महादेवा कॉरीडोर के लिए चिह्नित 5.072 हेक्टेअर जमीन में से 2.26 हेक्टेअर आबादी वाली थी। यहां बने 124 घर और रियाज अहमद का शॉपिंग काम्प्लेक्स अवैध है। इसमें से 2.084 हेक्टेयर जमीन पर काबिज 98 लोगों ने पर्यटन विभाग के नाम चैनामा कर दिया है। शेष 1.412 हेक्टेअर जमीन पर लोग अवैध रूप से काबिज है।
रिपोर्ट के आधार पर पर एसडीएम ने 11 मार्च 2025 को दीनमोहम्मद, अजय तिवारी, आदित्य कुमार, अनिल कुमार, वीरेंद्र तिवारी, अनिल अवस्थी व राकेश अवस्थी सहित 13 लोगों को एक सप्ताह में निर्माण हटाने का नोटिस जारी किया था। इसके खिलाफ दीनमोहम्मद व अजय तिवारी ने वाद दायर किया, जिस पर सिविल न्यायालय ने स्थागनादेश पारित किया। अब शेष जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। साथ ही विशेष रिव्यू कमिटी भी गठित की जा चुकी है।
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