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बारापूला नाले से मद्रासी कैंप को हटाने का आदेश, नरेला में बने फ्लैटों में 20 मई तक सभी जरूरी सुविधाएं करने के निर्देश

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बारापूला नाले के पास बने मद्रासी कैंप को हटाने के काम को 1 जून, 2025 से शुरू करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि बारापूला नाले की चोकिंग को दूर करने के लिए मद्रासी कैंप के निवासियों का वहां से पुनर्वास जरूरी है। कोर्ट ने साफ किया कि यहां रहने वाले लोग पुनर्वास के परे और किसी अधिकार का दावा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि यहां सरकारी पर अतिक्रमण किया गया है। कोर्ट ने दिया निर्देशजस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने निर्देश दिया कि प्राधिकरण (डीडीए, एमसीडी, डूसिब, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली सरकार) दो कैंप लगाएंगे। एक कैंप नरेला फ्लैटों के पजेशन लेटर सौंपने के लिए और दूसरा लोन पास कराने के मकसद से होगा। साथ में डीडीए/डूसिब यह सुनिश्चित करेंगे कि 20 मई तक फ्लैटों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हों। 20 मई के बाद मद्रासी कैंप के एलिजिबल निवासी अपने सामान को नरेला में आवंटित फ्लैटों में ले जाना शुरू कर देंगे। कोर्ट ने साफ किया कि यदि कोई भी निवासी पजेशन लेटर नहीं लेना चाहता है या लोन सुविधा का लाभ नहीं उठाना चाहता है, तो उन्हें नरेला या किसी पुनर्वास कैंप में फ्लैटों के आवंटन की मांग करने का कोई और मौका नहीं दिया जाएगा। हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक, मद्रासी कैंप को तोड़ने का काम 1 जून, से शुरू किया जाएगा। कोर्ट मद्रासी कैंप को शिफ्ट करने के मुद्दे सहित इस मामले पर दस महीने से अधिक समय से विचार कर रहा था। मद्रासी कैंप का मुद्दा ऐसे उठायहां रहने वाले थंगराज ने कोर्ट में याचिका दायर कर 3 मई, 2025 के तोड़फोड़ नोटिस पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके अलावा मद्रासी कैंप के लगभग 104 लोगों के एक अस्थाई संघ ने भी हाई कोर्ट में आवेदन दायर किया था। मामला यह है कि यमुना नदी में गिरने वाले कई नालों पर अनाधिकृत रूप से अवैध निर्माण किया गया है। ये निर्माण नालों में रुकावट बन रहे हैं और इससे यमुना नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है। इसी कारण दिल्ली के कई हिस्सों में बारिश के दौरान नालों के गंभीर रूप से चोक होने और जलभराव की स्थिति पैदा होती है। जहां तक मद्रासी कैंप का सवाल है, यह बारापूला नाले के किनारे एक गैर-कानूनी निर्माण है। हाई कोर्ट ने जुलाई, 2024 से बारापूला और तैमूर नगर नाला आदि सहित यमुना नदी में गिरने वाले कई नालों से जुड़े मुद्दे पर विचार किया और अनधिकृत निर्माण को हटाने के लिए तमाम निर्देश दिए हैं।9 मई को आदेश पारित करते हुए हाई कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हुई बैठक में किए गए कुछ फैसले पर गौर किया। ये नरेला में फ्लैटों की स्थिति, लोन सुविधा, स्कूल, मेडिकल फैसिलिटी और डीटीसी बस सेवा आदि से जुड़े हुए थे। हालांकि, बैठक में भाग लेने वाले मद्रासी कैंप के कुछ निवासियों ने इस प्रस्ताव पर साइन करने से इनकार कर दिया था और कुछ आपत्तियां जताई थी। इसका जवाब देते हुए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) के वकील ने कोर्ट को बताया कि 350 परिवार पहले से ही वहां रह रहे हैं और फ्लैट पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे।
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