H-1B Visa For Indians: अमेरिका में H-1B वीजा की फीस बढ़ चुकी है। जो वीजा पहले 2000 से 3000 डॉलर में मिल जाता था। अब उसके लिए 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) खर्च करने पड़ेंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की वजह से वो अमेरिकी कंपनियां सबसे ज्यादा परेशान हैं, जो अपने यहां टेक वर्कर्स की हायरिंग विदेश से करती हैं। ट्रंप के फीस बढ़ाने के फैसले का असर उन भारतीय कंपनियों पर भी पड़ने वाला है, जो अमेरिका में H-1B वीजा पर भारतीयों की हायरिंग करती रही हैं।
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टेक सेक्टर में जॉब के लिए H-1B वीजा सबसे ज्यादा पॉपुलर रहा है। भारतीय तो इसी वीजा के जरिए अपना अमेरिकन ड्रीम पूरा करते हैं। अमेरिका के टेक सेक्टर के दबदबे के पीछे इस वीजा का सबसे ज्यादा हाथ है। भारतीय टेक वर्कर्स इस वीजा को पाने में सबसे आगे रहते हैं। सरकारी डेटा के मुताबिक, 70 फीसदी से ज्यादा H-1B वीजा भारतीयों को ही मिलता रहा है, जबकि दूसरे नंबर पर चीन के नागरिक हैं, जिन्हें 11.7% तक वीजा मिलता है। इसके बाद अन्य देशों के नागरिकों का नंबर आता है।
H-1B वीजा पर सबसे ज्यादा कौन निर्भर है?
अमेरिका में हर छोटी-बड़ी टेक और फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनी H-1B वीजा पर निर्भर है। टेक सेक्टर की कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो इस वीजा पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं। वे तो हजारों की संख्या में विदेशों से वर्कर्स को हायर कर रही हैं। आइए जानते हैं कि H-1B वीजा पर सबसे ज्यादा कौन सी कंपनियां निर्भर हैं।
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टेक सेक्टर में जॉब के लिए H-1B वीजा सबसे ज्यादा पॉपुलर रहा है। भारतीय तो इसी वीजा के जरिए अपना अमेरिकन ड्रीम पूरा करते हैं। अमेरिका के टेक सेक्टर के दबदबे के पीछे इस वीजा का सबसे ज्यादा हाथ है। भारतीय टेक वर्कर्स इस वीजा को पाने में सबसे आगे रहते हैं। सरकारी डेटा के मुताबिक, 70 फीसदी से ज्यादा H-1B वीजा भारतीयों को ही मिलता रहा है, जबकि दूसरे नंबर पर चीन के नागरिक हैं, जिन्हें 11.7% तक वीजा मिलता है। इसके बाद अन्य देशों के नागरिकों का नंबर आता है।
H-1B वीजा पर सबसे ज्यादा कौन निर्भर है?
अमेरिका में हर छोटी-बड़ी टेक और फाइनेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनी H-1B वीजा पर निर्भर है। टेक सेक्टर की कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो इस वीजा पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं। वे तो हजारों की संख्या में विदेशों से वर्कर्स को हायर कर रही हैं। आइए जानते हैं कि H-1B वीजा पर सबसे ज्यादा कौन सी कंपनियां निर्भर हैं।
- अमेजन सर्विसेज LLC (10,044 वीजा)
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विस लिमिटेड (5,505 वीजा)
- माइक्रोसॉफ्ट (5,189 वीजा)
- मेटा प्लेटफॉर्म (5,123 वीजा)
- एप्पल (4,202 वीजा)
- गूगल (4,181 वीजा)
- कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन (2,493 वीजा)
- जेपी मॉर्गन चेज (2,440 वीजा)
- वॉलमार्ट (2,390 वीजा)
- डिलोएट कंसल्टिंग (2,353 वीजा)
- अमेजन वेब सर्विसेज (2,347 वीजा)
- ओरेकल अमेरिका (2,092 वीजा)
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