एआई टूल स्किल ट्रेनिंग, एनालिटिक्स और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से काम करता है। यह हर प्रोफेशन पर सलाह दे सकता है, इसलिए जर्नलिज्म और मीडियाकर्मियों के लिए भी एआई टूल्स तैयार हो चुके हैं। इन टूल्स के साथ इस पेशे में काम करना आसान हो सकता है। साथ ही राइटिंग से जुड़ी गलतियों से भी बचा जा सकता है।
इन टूल्स के साथ इंटरव्यू ट्रांसक्रिपशन, डॉक्यूमेंट का विश्लेषण, स्टोरी आइडिया और रिसर्च प्रोसेस करना कुछ मिनटों का काम हो सकता है। इन टूल्स की गहरी समझ आपको जर्नलिज्म में बहुत आगे ले जा सकती है। ऐसे अनगिनत एआई टूल्स के बारे में और जानने के लिए NBT Upskill AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
1. गूगल फैक्ट चेक टूल (Google's Fact-Check Tools)कह सकते हैं यह आसानी से उपलब्ध और जाना पहचाना नाम है। गूगल कुछ फैक्ट चेक टूल ऑफर करता है जो जानकारी को वेरीफाई करते हैं। इसमें फैक्ट चेक एक्स्प्लोरर है तो फैक्ट चेक मार्कअप टूल भी। इन दोनों में ही वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बेहद आसान होती है। एक्स्प्लोरर के पास बड़ा डेटाबेस है जहां फैक्ट चेक जांचना आसान हो जाता है। इसमें पूरी दुनिया में किए गए फैक्ट चेक मिल जाते हैं, फिर चाहे खबर राजनीति की हो या वायरल वीडियो की।
2. विजुअलपिंग (Visualping)यह टूल उन पत्रकारों के लिए है जो ब्रेकिंग न्यूज से अपडेट रहना चाहते हैं। इस टूल के साथ उन्हें फ्री वेबसाइट मॉनिटरिंग सर्विसेस मिल जाती हैं और वह अपडेट रह पाते हैं। दरअसल वेबसाइट में जरा भी बदलाव होने पर यह टूल अलर्ट भेजता है। इस तरह से मीडिया के लोगों को गवर्मेंट वेबसाइट या कॉर्पोरेट पेजेस जैसे अलर्ट भी तुरंत मिल जाते हैं। जब समय कम हो लेकिन न्यूज फाइल करनी हो तब यह टूल बहुत काम आता है।
3. क्विलबॉट (QuillBot)यह एआई राइटिंग सॉल्यूशन है। इससे राइटिंग सुधारी जा सकती है। इस टूल में पैरा बनाने, ग्रामर जांचने और राइटिंग क्वालिटी सुधारने में मदद मिलती है। इसके साथ गलती से भी दूसरे का लिखा अपनी राइटिंग में शामिल नहीं किया जा सकता है। मतलब इसमें गलती से भी आप कॉपी नहीं कर सकते हैं। कठिन वाक्य को आसान बनाने का काम भी यह टूल करता है। इस प्लेटफॉर्म पर हाल ही में क्विलबॉट फ्लो लॉन्च किया गया है। इस टूल का ट्रांसलेशन फीचर भी कमाल का है जो दूसरी भाषा को समझने में मददगार होता है।
4. रोली इंफोर्मेशन ट्रेसर (Rolli Information Tracer)यह टूल जर्नलिस्ट के लिए जर्नलिस्ट की ओर से है। इसे जर्नलिस्ट खबरों को वेरीफाई करने में इस्तेमाल करते हैं। पूरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी खबरों को वेरीफाई करना कठिन नहीं होता है। यह टूल खबरों में किसी तरह की गलती रोकने के लिए है। यह टूल एडवांस एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बहुत सारे कंटेंट की जांच कर सकता है।
5. ग्रामर्ली (Grammarly)यह सिर्फ ग्रामर या स्पेलिंग ठीक करने का टूल नहीं रह गया है। इसमें फ्री एआई राइटिंग टूल भी मिलते हैं। इनका इस्तेमाल कंटेंट क्रिएशन में भी किया जा सकता है। इन टूल से ड्राफ्टिंग, राइटिंग और टोन एडजस्टमेंट भी आसानी से हो जाते हैं। इसमें एआई राइटर भी मिलता है जो जर्नलिस्ट के असिस्टेंट का काम करता है। जब डेडलाइन बेहद करीब हो तब इस टूल की मदद ली जा सकती है।
इन टूल्स के साथ इंटरव्यू ट्रांसक्रिपशन, डॉक्यूमेंट का विश्लेषण, स्टोरी आइडिया और रिसर्च प्रोसेस करना कुछ मिनटों का काम हो सकता है। इन टूल्स की गहरी समझ आपको जर्नलिज्म में बहुत आगे ले जा सकती है। ऐसे अनगिनत एआई टूल्स के बारे में और जानने के लिए NBT Upskill AI की करियर ग्रोथ वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
1. गूगल फैक्ट चेक टूल (Google's Fact-Check Tools)कह सकते हैं यह आसानी से उपलब्ध और जाना पहचाना नाम है। गूगल कुछ फैक्ट चेक टूल ऑफर करता है जो जानकारी को वेरीफाई करते हैं। इसमें फैक्ट चेक एक्स्प्लोरर है तो फैक्ट चेक मार्कअप टूल भी। इन दोनों में ही वेरिफिकेशन की प्रक्रिया बेहद आसान होती है। एक्स्प्लोरर के पास बड़ा डेटाबेस है जहां फैक्ट चेक जांचना आसान हो जाता है। इसमें पूरी दुनिया में किए गए फैक्ट चेक मिल जाते हैं, फिर चाहे खबर राजनीति की हो या वायरल वीडियो की।
2. विजुअलपिंग (Visualping)यह टूल उन पत्रकारों के लिए है जो ब्रेकिंग न्यूज से अपडेट रहना चाहते हैं। इस टूल के साथ उन्हें फ्री वेबसाइट मॉनिटरिंग सर्विसेस मिल जाती हैं और वह अपडेट रह पाते हैं। दरअसल वेबसाइट में जरा भी बदलाव होने पर यह टूल अलर्ट भेजता है। इस तरह से मीडिया के लोगों को गवर्मेंट वेबसाइट या कॉर्पोरेट पेजेस जैसे अलर्ट भी तुरंत मिल जाते हैं। जब समय कम हो लेकिन न्यूज फाइल करनी हो तब यह टूल बहुत काम आता है।
3. क्विलबॉट (QuillBot)यह एआई राइटिंग सॉल्यूशन है। इससे राइटिंग सुधारी जा सकती है। इस टूल में पैरा बनाने, ग्रामर जांचने और राइटिंग क्वालिटी सुधारने में मदद मिलती है। इसके साथ गलती से भी दूसरे का लिखा अपनी राइटिंग में शामिल नहीं किया जा सकता है। मतलब इसमें गलती से भी आप कॉपी नहीं कर सकते हैं। कठिन वाक्य को आसान बनाने का काम भी यह टूल करता है। इस प्लेटफॉर्म पर हाल ही में क्विलबॉट फ्लो लॉन्च किया गया है। इस टूल का ट्रांसलेशन फीचर भी कमाल का है जो दूसरी भाषा को समझने में मददगार होता है।
4. रोली इंफोर्मेशन ट्रेसर (Rolli Information Tracer)यह टूल जर्नलिस्ट के लिए जर्नलिस्ट की ओर से है। इसे जर्नलिस्ट खबरों को वेरीफाई करने में इस्तेमाल करते हैं। पूरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में भी खबरों को वेरीफाई करना कठिन नहीं होता है। यह टूल खबरों में किसी तरह की गलती रोकने के लिए है। यह टूल एडवांस एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बहुत सारे कंटेंट की जांच कर सकता है।
5. ग्रामर्ली (Grammarly)यह सिर्फ ग्रामर या स्पेलिंग ठीक करने का टूल नहीं रह गया है। इसमें फ्री एआई राइटिंग टूल भी मिलते हैं। इनका इस्तेमाल कंटेंट क्रिएशन में भी किया जा सकता है। इन टूल से ड्राफ्टिंग, राइटिंग और टोन एडजस्टमेंट भी आसानी से हो जाते हैं। इसमें एआई राइटर भी मिलता है जो जर्नलिस्ट के असिस्टेंट का काम करता है। जब डेडलाइन बेहद करीब हो तब इस टूल की मदद ली जा सकती है।
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