बिहार में चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की कांग्रेस द्वारा कड़ी आलोचना के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने गुरुवार को चुनाव आयोग से 7 सवालों का जवाब मांगा है। ये सवाल बिहार विधानसभा चुनावों से पहले 'मतदाता शुद्धिकरण' अभियान में कथित अनियमितताओं से जुड़े हैं।
पी. चिदंबरम ने चुनाव आयोग से पूछे 7 सवालपी. चिदंबरम ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए कहा है कि वे चुनाव आयोग पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन भारत के लोगों, खासकर बिहार के मतदाताओं को इन सवालों के जवाब जानने का अधिकार है।
बिहार की मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर चिदंबरम ने चुनाव आयोग से पूछा है कि भारत सरकार के अनुसार बिहार की कुल वयस्क आबादी का अनुमान क्या है। यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सही आबादी के आधार पर ही मतदाता सूची बनाई जाती है।
बिहार के 68.5 लाख वोटरों के नाम कटे, तीन महीने चले SIR के बाद 6 फीसदी छोटी हो गई फाइनल वोटर लिस्टउन्होंने यह जानना चाहा कि बिहार के वयस्कों के कितने प्रतिशत हिस्से को चुनावी मतदाता सूची में शामिल किया गया है। क्या यह आंकड़ा 90.7 प्रतिशत के करीब है?
चिदंबरम ने पूछा है कि बिहार की वयस्क जनसंख्या का 9.3 प्रतिशत हिस्सा जो चुनावी सूची में नहीं है, उसके पीछे क्या कारण हैं? क्या ये लोग वोट देने से वंचित रह जाएंगे?
चिदंबरम ने यह भी पूछा कि क्या मतदाता सूची में करीब 24,000 ऐसे नाम हैं जो समझ में नहीं आते या गड़बड़ हैं?
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या चुनावी सूची में 200,000 से अधिक घर के नंबर या पते गलत या खाली हैं?
उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या मतदाता सूची में लगभग 520,000 नाम डुप्लीकेट यानी दोहराए गए हैं?
पी. चिदंबरम ने पूछा कि क्या चुनाव आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए इन सवालों का जवाब देगा?
बिहार: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने SIR प्रक्रिया को बताया छलावा, पारदर्शिता पर उठाए सवाल, हटाए गए नाम अधिकI am not accusing the Election Commission of India (ECI) of any wrongdoing, but the people of India -- and Bihar -- are entitled to answers to the following questions on the Bihar electoral rolls (final):
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 9, 2025
1. What is the estimate of the Adult population of Bihar according to the…
उन्होंने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह इन सभी सवालों के जवाब दें ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे।
अब देखना होगा कि चुनाव आयोग कब और कैसे इन सवालों का जवाब देता है और क्या वह बिहार के मतदाताओं के विश्वास को मजबूत करने के लिए कदम उठाता है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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