पश्चिम बंगाल में एक लॉ स्टूडेंट के साथ हुए भयावह गैंगरेप ने पूरे समाज को हिला कर रख दिया है। एक छात्रा, जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कॉलेज पहुंची थी, उसे उसी के साथ पढ़ने वालों ने दरिंदगी का शिकार बना डाला। इस जघन्य अपराध के तीनों आरोपियों को पुलिस ने अब गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस दुखद घटना के बीच TMC नेता कल्याण बनर्जी का एक विवादास्पद बयान सामने आया है, जिसने पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे लोगों की संवेदनाओं को झकझोर दिया है।
'अगर दोस्त ही अपने दोस्त के साथ करे दरिंदगी तो...?'
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने अपने बयान में कहा, "मैं लॉ कॉलेज में हुई घटना का समर्थन नहीं करता। आरोपियों को जरूर गिरफ्तार किया जाना चाहिए। लेकिन सोचिए, अगर कोई दोस्त ही अपने दोस्त का रेप करे तो फिर क्या किया जा सकता है?" उन्होंने सवाल उठाया, "क्या अब हर स्कूल और कॉलेज में पुलिस की तैनाती की जाएगी?" यह बयान न केवल पीड़िता के दर्द को कम करता है बल्कि समाज के उस हिस्से को भी आहत करता है जो महिलाओं की सुरक्षा की बात करता है।
पीड़िता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
बनर्जी ने आगे कहा, "यह दरिंदगी छात्रों ने एक छात्रा के साथ की। सवाल ये है कि उसकी सुरक्षा कौन करेगा? यह कोई प्राइवेट संस्थान नहीं, बल्कि एक सरकारी लॉ कॉलेज है। क्या अब हर संस्थान में पुलिस हमेशा मौजूद रह सकती है?" पीड़िता की हालत को समझने की बजाय सवालों के घेरे में डालना कई लोगों को बेहद असंवेदनशील लगा है।
बीजेपी ने किया विरोध, मांगा न्याय
इस शर्मनाक वारदात को लेकर बीजेपी पूरी मजबूती से पीड़िता के समर्थन में खड़ी नजर आई। आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा की तस्वीरें टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के साथ शेयर करते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी एक रेपिस्ट को संरक्षण देने वाली पार्टी बन गई है। उन्होंने कहा, "हम ममता बनर्जी के शासन में पीड़ितों की आवाज दबने नहीं देंगे। जब तक न्याय नहीं मिलेगा, हम शांत नहीं बैठेंगे।"
आरोपी की सियासी पहुंच भी उजागर
मोनोजीत मिश्रा का राजनीतिक कनेक्शन भी सामने आया है। सोशल मीडिया हैंडल्स के मुताबिक, वह कॉलेज की तृणमूल कांग्रेस छात्र इकाई का पूर्व अध्यक्ष और दक्षिण कोलकाता शाखा का संगठन सचिव रह चुका है। ऐसे में जांच एजेंसियों पर राजनीतिक दबाव ना हो, यह भी समाज की एक बड़ी चिंता है।
महिला आयोग की सख्ती
घटना को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कोलकाता पुलिस आयुक्त को पत्र लिखा है और तुरंत जांच शुरू करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने यह भी कहा है कि पीड़िता को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 396 के तहत मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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