79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए युवाओं से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हाथ बंटाने की जोरदार अपील की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर हम आयात पर खर्च होने वाली अरबों की राशि बचा लें, तो वह धन हमारे किसानों की तरक्की और युवाओं के रोजगार सृजन में काम आ सकता है। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए समुद्र में नए तेल भंडार खोजने और सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार का रोडमैप भी साझा किया।
तकनीक में स्वदेशी ताकत का आह्वान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए यूपीआई और फार्मा सेक्टर का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “हम दुनिया की फार्मेसी कहलाते हैं और हमारा यूपीआई आज अरबों रुपये के लेनदेन को सहज बना रहा है। यह हमारे युवाओं की क्षमता का प्रमाण है।”
उन्होंने आईटी क्षेत्र में पूर्ण आत्मनिर्भरता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि ऑपरेटिंग सिस्टम से लेकर साइबर सुरक्षा, फिनटेक से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक – हर तकनीक भारतीय दिमाग और भारतीय संसाधनों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने गर्व से बताया कि रियल टाइम डिजिटल ट्रांजैक्शन का 50% हिस्सा आज भारत कर रहा है और युवाओं से आह्वान किया, “देश का धन बाहर जाने से रोकिए, अपनी तकनीक खुद बनाइए।”
उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
पीएम मोदी ने कृषि और उर्वरक क्षेत्र पर भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जैसे ऊर्जा क्षेत्र में हमें आत्मनिर्भर होना है, वैसे ही फर्टिलाइज़र में भी विदेशी निर्भरता खत्म करनी होगी। अनियंत्रित और अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से धरती माता को नुकसान पहुंचता है, इस पर उन्होंने विशेष जोर दिया।
उन्होंने किसानों, निजी कंपनियों और शोध संस्थानों से अपील की कि नए, पर्यावरण-सम्मत और स्वदेशी उर्वरकों के विकास के लिए शोध करें, ताकि हम अपने किसानों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण विकल्प दे सकें और दूसरे देशों पर निर्भर न रहें।
रक्षा और खनिज संसाधनों में आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने रक्षा क्षेत्र में भी स्वदेशी उत्पादन को अनिवार्य बताते हुए युवाओं को प्रेरित किया कि भारत अपने फाइटर जेट के इंजन खुद बनाए। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिस्थितियां क्रिटिकल मिनरल को लेकर अत्यंत संवेदनशील हो गई हैं और भारत को इस क्षेत्र में भी अग्रणी बनने का अवसर है। इसके लिए उन्होंने युवाओं, वैज्ञानिकों और उद्योग जगत को एक साथ आकर कार्य करने की आवश्यकता बताई।
नए भारत का युवा-केंद्रित विज़न
अपने पूरे संबोधन में पीएम मोदी का संदेश साफ था – भारत की किस्मत बदलने में युवाओं की भूमिका निर्णायक है। तकनीक, कृषि, ऊर्जा, रक्षा और खनिज संसाधनों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता केवल एक लक्ष्य नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा और समृद्धि की कुंजी है। उन्होंने कहा, “हममें क्षमता है, इच्छाशक्ति है और संकल्प है—अब बस देश के हर युवा को आगे आना होगा।”
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