गांधीनगर, 27 मई . गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा पर बात की . उन्होंने विरोधियों को कठघरे में खड़ा करते हुए विशाल जनसमूह को उस दबाव के बारे में बताया जिससे ढेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “कल (सोमवार) 26 मई थी और 2014 में 26 मई को मुझे पहली बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने का अवसर मिला. उस समय, भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में 11वें स्थान पर थी. हमने कोरोना से लड़ाई लड़ी, पड़ोसियों से भी मुसीबतें झेलीं, प्राकृतिक आपदा भी झेली, इसके बावजूद इतने कम समय में हम 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था से चौथे नंबर की अर्थव्यवस्था बने. क्योंकि हम विकास चाहते हैं, प्रगति चाहते हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि हमने अब जापान को पीछे छोड़ दिया है. मुझे आज भी याद है कि जब हम छठे से पांचवें स्थान पर पहुंचे थे, तो पूरे देश में उत्साह था, खासकर युवाओं में. कारण स्पष्ट था, भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था, वही देश जिसने हम पर 250 साल तक राज किया. हमारा लक्ष्य है कि 2047 में हिंदुस्तान को विकसित होना ही चाहिए. हम आजादी के 100 साल ऐसे मनाएंगे कि दुनिया में विकसित भारत का झंडा फहरता रहेगा.”
पीएम मोदी ने कहा, “मुझ पर जो दबाव बनने वाला है, जो बनना शुरू भी हो गया है कि मोदी ठीक है, हम अर्थव्यवस्था में 4 नंबर पर तो पहुंच गए, अब बताओ कि 3 नंबर पर कब पहुंचेंगे. इसका एक समाधान आपके पास है. हमारे जो ग्रोथ सेंटर हैं, वे अर्बन एरिया हैं, हमें अर्बन बॉडीज को इकोनॉमी के ग्रोथ सेंटर बनाने का प्लान करना होगा. जनसंख्या के कारण वृद्धि होती चले, ऐसे शहर नहीं हो सकते हैं. शहर आर्थिक गतिविधि के तेजतर्रार केंद्र होने चाहिए.”
पीएम मोदी ने गुजरात का जिक्र करते हुए कहा, “मैं गुजरात का ऋणी हूं. इस धरती ने मुझे बड़ा किया है. यहां मुझे जो शिक्षा और सबक मिले, आप सबके बीच रहकर मैंने जो सीखा, आपने मुझे जो मार्गदर्शन दिया, आपने जो सपने मुझे सौंपे, मैं उन्हें देश की जनता के हित में लागू करने का प्रयास कर रहा हूं. मुझे खुशी है कि आज गुजरात सरकार ने शहरी विकास वर्ष के 20 साल पूरे होने का जश्न मनाया, जिसकी शुरुआत 2005 में हुई थी.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब 2035 में गुजरात 75 वर्ष पूरे करेगा, तो मेरा मानना है कि हमें अगले 10 वर्षों के लिए अभी से योजना बनानी शुरू कर देनी चाहिए. हमें एक विजन तय करना होगा कि तब तक गुजरात उद्योग, कृषि, शिक्षा और खेल के क्षेत्र में कहां पहुंच जाएगा. हमें आज ही दृढ़ संकल्प लेना होगा और जब गुजरात 75 वर्ष का हो जाएगा, यानी ठीक एक साल बाद, ओलंपिक आयोजित किए जाएंगे. देश की इच्छा है कि ओलंपिक भारत में आयोजित किए जाएं.”
उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में हमें टूरिज्म पर बल देना चाहिए. गुजरात ने कमाल कर दिया है. कोई सोच सकता है कि कच्छ के रेगिस्तान में जहां कोई जाने का नाम नहीं लेता था, आज वहां जाने के लिए बुकिंग नहीं मिल रही है. चीजों को बदला जा सकता है. यहां तक कि वडनगर में भी उल्लेखनीय परिवर्तन हुआ है. काशी की तरह वडनगर भी सभ्यता का प्राचीन केंद्र है. यहां 2,800 साल से भी ज्यादा पुराने इतिहास के प्रमाण मौजूद हैं. ऐसी विरासतों को विश्व मानचित्र पर लाना और उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करना हमारी जिम्मेदारी है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक बार कल्पना करते हुए अगर हम उसे जमीन पर उतारने का प्रयास करें, तो कितने अच्छे परिणाम मिल सकते हैं, ये हम भलीभांति देख रहे हैं. वही कालखंड था, जब हमने रिवर फ्रंट बनाया. वही कालखंड था, जब हमने दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनाने का सपना देखा, उसे पूरा किया. वही कालखंड था, जब दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू बनाने के लिए सोचा, उसे पूरा किया.
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एफएम/केआर
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