Mumbai , 5 अगस्त . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Monday को एक नई धमकी दी कि वे भारत पर टैरिफ में बेतहाशा वृद्धि करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ‘भारी मुनाफे’ के लिए खुले बाजार में रूसी तेल बेच रहा है.
भाजपा विधायक संजय उपाध्याय ने टैरिफ मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प के बयान पर भारत ने कल जो प्रतिक्रिया दी, वह नए भारत की ताकत का प्रतिबिंब है. ट्रंप की अनर्गल बातों से अगर कोई बाजार गिरता है, तो वह उनकी असफलता का प्रतीक है, भारत की नहीं. भारत का शेयर बाजार मजबूत है, निवेश बढ़ रहा है और देश अपने हितों से समझौता नहीं करेगा. रूस से सस्ता तेल खरीदना देशहित में है और यह व्यापारिक दृष्टि से भी उचित है. प्रधानमंत्री की विदेश नीति मजबूत है और अमेरिका भी भारत की सौदेबाजी को स्वीकार कर रहा है. भारत अपने हितों के लिए झुकेगा नहीं.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने की छठी वर्षगांठ पर उन्होंने कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चल सकते. यह भाजपा की पुरानी मांग रही है, जिसके लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जान की आहुति दी. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने को लेकर भाजपा ने लंबे समय तक आंदोलन और संघर्ष किया. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मजबूत सरकार ने जनता से किया वादा निभाया और 370 हटाई. जो कहते थे कि खून की नदियां बहेंगी, उन्हें आज के कश्मीर में आए बदलाव को देखना चाहिए. यह राष्ट्र के लिए ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय था.
राम मंदिर भूमि पूजन की पांचवी सालगिरह पर बीजेपी विधायक संजय उपाध्याय ने कहा कि मैं अयोध्या निवासी हूं और पहले रामलला के दर्शन के लिए बंदूकों के साये में लोहे की सरियों के बीच से गुजरना पड़ता था. कुछ क्षण दर्शन के लिए भी धक्का-मुक्की सहनी पड़ती थी. एक हिंदू होने के नाते दुख होता था कि अपने ही भगवान का दर्शन करना कितना कठिन है. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन कर वह सपना पूरा किया. अब करोड़ों श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर पा रहे हैं. राम हमारे आस्था के केंद्र हैं और राहुल गांधी, अखिलेश यादव सनातन विरोधी हैं. इसलिए उन्होंने अभी तक भगवान रामलला का दर्शन नहीं किया.
Supreme court ने महाराष्ट्र में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनावों का रास्ता साफ किया है. Supreme court के इस फैसले पर संजय उपाध्याय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह चार हफ्तों के भीतर चुनाव की अधिसूचना जारी करे और पूरी चुनावी प्रक्रिया को पूरा करे.
उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में स्थानीय संस्थाएं जैसे सरपंच, नगरसेवक और महापौर की बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि ये जनता से सीधे जुड़े होते हैं और स्थानीय समस्याएं जल्दी हल होती हैं. ओबीसी आरक्षण के कारण चुनाव रूके थे, जो अब Supreme court के आदेश के बाद संभव हो पाएंगे. हमें उम्मीद है कि जल्द ही चुनाव होंगे. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बेसब्री से नगरसेवक और महापौर के चुनाव का इंतजार कर रहे हैं.
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एकेएस/जीकेटी
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