Top News
Next Story
Newszop

इन वजहों से भारत में बढ़ रहा मोटापा, डब्ल्यूएचओ की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का खुलासा

Send Push

नई दिल्ली, 27 अक्टूबर . विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि असंतुलित आहार और शारीरिक निष्क्रियता की वजह से भारत में लगातार मोटापा बढ़ रहा है.

स्वामीनाथन वर्तमान में स्वास्थ्य मंत्रालय के तपेदिक कार्यक्रम की प्रधान सलाहकार हैं. उन्होंने लोगों को मोटापे के प्रति जागरूक भी किया.

मौजूदा समय में मोटापा विश्व में चिंता का विषय बना हुई है.

मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसे गैर-संचारी रोग वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बनते जा रहे हैं. भारत में जीवनशैली में बदलाव, खानपान, शारीरिक गतिविधि में कमी और तनाव की वजह से ये बीमारियां बढ़ रही हैं.

स्वामीनाथन ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “मोटापा अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता की वजह से बढ़ रहा है.”

द लैंसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में पेट के मोटापे पर एक नए अध्ययन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमें ज्यादा जागरूकता, पोषण की जानकारी, स्वस्थ खाने के विकल्प और व्यायाम की जरूरत है.”

यपुर स्थित आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और अमेरिका में जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किया गया यह अध्ययन 2019-21 के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों पर आधारित है.

पेट का मोटापा पुरुषों (12 प्रतिशत) की तुलना में महिलाओं (40 प्रतिशत) में अधिक है.

पेट के मोटापे से 30 से 49 वर्ष की उम्र के बीच की 10 में से लगभग पांच-छह महिलाएं पीड़ित हैं.

बुजुर्ग महिलाओं और मांसाहारी महिलाओं में पेट का मोटापा ज्यादा देखने को मिलता है. वहीं, यह शहरी इलाकों में आम है.

अध्ययन से पता चला है कि ग्रामीण इलाकों में भी यह बढ़ रहा है और समाज के निचले और मध्यम आय वर्ग के लोगों को भी यह अपनी चपेट में ले रहा है.

भारत में मोटापे को मापने के लिए पारंपरिक रूप से बीएमआई का उपयोग किया जाता रहा है. पहली बार एनएफएचएस-5 ने 6,59,156 महिलाओं और 85,976 पुरुषों (15 से 49 वर्ष की आयु के बीच) की कमर की परिधि के माध्यम से पेट के मोटापे का आकलन किया.

इसके अलावा, अध्ययन ने देश में कुपोषण को एक गंभीर समस्या के रूप में भी दिखाया है.

शोधकर्ताओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि वे “उन लोगों के लिए खास योजनाएं बनाएं, जिनमें पेट का मोटापा ज्यादा है, खासकर 30 से 40 साल की महिलाओं के लिए.”

एसएचके/एकेजे

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now