New Delhi, 1 सितंबर . केंद्रीय संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी और इसके नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कांग्रेस पर मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे कांग्रेस के इस ‘विभाजनकारी’ रवैये का शिकार न बनें. किरेन रिजिजू ने से विशेष साक्षात्कार में तमाम सवालों के बेबाकी से जवाब दिए.
सवाल: बिहार में तेजस्वी यादव राहुल गांधी के पीछे-पीछे चल रहे हैं, जबकि राहुल गांधी उन्हें Chief Minister पद का उम्मीदवार तक घोषित करने को तैयार नहीं हैं. क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं. दोनों विरासत से निकले हुए नेता हैं. लालू यादव ने मेहनत करके राजनीति में जो नाम कमाया है, उसका लाभ तेजस्वी यादव उठा रहे हैं. ये दोनों लोग बिहार का भविष्य नहीं सुधार सकते हैं. राहुल गांधी और कांग्रेस ने मुसलमानों को वोट बैंक बनाकर रखा है. बिहार में उनकी यात्रा में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हो रहे हैं. यह ठीक नहीं है. मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों से अपील करता हूं कि वे कांग्रेस के इस जाल में न फंसें. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रूप में मैं यह सुनिश्चित कर रहा हूं कि हमारी सरकार सभी समुदायों के लिए समान रूप से काम कर रही है. गरीबी का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है और Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में सरकार सभी गरीबों को बिना भेदभाव के समर्थन दे रही है. अगर मुस्लिम समुदाय में गरीबी है, तो यह कांग्रेस की नीतियों का नतीजा है. कांग्रेस ने मुसलमानों को गरीब बनाए रखा और फिर उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया. राहुल गांधी की यात्राएं और उनके बयान केवल मुस्लिम समुदाय को गुमराह करने और भड़काने का प्रयास हैं, जिससे समाज में विभाजन पैदा होता है.
सवाल: कांग्रेस की सभा में पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई. क्या ये सब राहुल गांधी के इशारे पर होता है?
जवाब: राहुल गांधी सुबह उठते ही Prime Minister Narendra Modi के खिलाफ बोलना शुरू कर देते हैं. यह भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. हमारी संस्कृति में माता-पिता या किसी सम्मानित व्यक्ति को अशब्द बोलना स्वीकार्य नहीं है. यह हद से बाहर है. जनता इसका जवाब देगी. कांग्रेस पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से पीएम मोदी के लिए जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया, उसपर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने के लिए शब्द भी नहीं हैं. हमें उम्मीद है कि जनता इसका जवाब जरूर देगी.
सवाल: कांग्रेस खुद को मुसलमानों का हितैषी कहती है तो क्या कांग्रेस को किसी मुस्लिम को बिहार में सीएम उम्मीदवार घोषित करना चाहिए?
जवाब: कांग्रेस का दावा है कि देश की संपत्ति पर मुसलमानों का पहला हक है, जो गलत है. संपत्ति पर पहला हक गरीबों का होना चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन या पारसी, सभी को समान अवसर मिलना चाहिए. मोदी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है, जो सभी समुदायों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है.
सवाल: उत्तराखंड में मदरसा एक्ट को खत्म कर एक ऐसा नया बिल लाया गया है, जिसमें सभी अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा के प्रावधान हैं. क्या कहेंगे?
जवाब: ये State government का मामला है, मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता. हर राज्य अपने-अपने हिसाब से कानून बनाता है.
सवाल: क्या आधुनिक शिक्षा व्यवस्था के इस दौर में मदरसों की जरूरत है?
जवाब: मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ आधुनिक शिक्षा को शामिल किया जाए ताकि मुस्लिम बच्चे युवा विज्ञान और आधुनिक ज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें. मदरसों में आधुनिक शिक्षा होनी चाहिए. यह हमारे समाज को और सशक्त बनाएगा.
सवाल: मानसून सत्र में कौन-कौन से विधेयक पेश किए गए?
जवाब: उन्होंने कहा कि सरकार ने जन विश्वास विधेयक, इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को सेलेक्ट कमेटी में भेजा है, जो जनकल्याण के लिए अहम हैं. इसके अलावा, आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधारों में से एक, आयकर सुधार विधेयक को भी संसद में पेश किया गया है. ये विधेयक देश के विकास और जनता के हित में मील का पत्थर साबित होंगे. दुख की बात है कि इन महत्वपूर्ण विधेयकों पर जैसी चर्चा होनी चाहिए थी, वैसी नहीं हो पाई. विपक्ष नारेबाजी और हंगामा करके सदन से चला गया. यह उनकी हार है.
सवाल: संसद में रचनात्मक चर्चा के बजाय हंगामे की क्या वजह मानते हैं?
जवाब: उन्होंने विपक्षी सांसदों को निशाना बनाते हुए कहा कि हंगामे के कारण उनके अपने सांसदों को भी अपनी बात रखने का मौका नहीं मिल पा रहा है. कई कांग्रेस सांसद उनसे निजी तौर पर कहते हैं कि वे चर्चा में भाग लेना चाहते हैं, लेकिन उनकी पार्टी का नेतृत्व उन्हें ऐसा करने से रोकता है. राहुल गांधी हेडलाइन बटोरने के लिए अनाप-शनाप बयान देते हैं. वे Prime Minister और देश के खिलाफ बोलते हैं, देश के हित में नहीं है. राहुल गांधी का यह रवैया उनकी पार्टी के उन सांसदों के लिए नुकसानदायक है, जो मेहनत से चुनकर संसद पहुंचे हैं. राहुल गांधी को यह समझ ही नहीं है कि उनकी हरकतों से उनकी पार्टी के सांसदों का योगदान रुक रहा है. राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहने का श्रेय भाजपा को नहीं जाता. यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ और महासचिव स्तर के नेताओं ने 8-9 साल पहले कही थी. हमने ऐसा नहीं कहा. राहुल गांधी का कोई भी बयान देश विरोधी ताकतों को प्रभावित करता है. वे जानबूझकर चुनाव आयोग और सरकार पर सवाल उठाते हैं. राहुल गांधी कोई छोटे बच्चे नहीं हैं. वे सोची-समझी साजिश के तहत देश की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. देश मजबूती से आगे बढ़ रहा है और कोई भी हेडलाइन बटोरने की कोशिश इसे हिला नहीं सकती. मोदी के नेतृत्व में भारत एक के बाद एक बड़े काम कर रहा है. विपक्ष के नाटक और आरोपों का कोई असर नहीं होगा.
सवाल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकोनॉमी’ करार दिया है. इसपर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब: राहुल गांधी का इस तरह का बयान देना ‘राष्ट्र-विरोधी’ रवैया दर्शाता है और यह देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है. भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूत है, बल्कि वैश्विक मंच पर यह एक उभरती हुई ताकत के रूप में स्थापित हो रही है. राहुल गांधी कोई बच्चे नहीं हैं. उन्हें यह समझना चाहिए कि देश की गरिमा और छवि को बनाए रखना हर नेता का दायित्व है. कुछ यूट्यूब चैनलों और social media पर चलने वाली क्लिप्स में भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म बताया जाता है, लेकिन यह सच्चाई से कोसों दूर है. Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है. वैश्विक आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण है, लेकिन भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को संभालते हुए दुनिया को दिखा दिया कि हम एक उभरता हुए आर्थिक महाशक्ति हैं. भारत वैश्विक मंच पर एक उभरती शक्ति के रूप में स्थापित हो रहा है और विपक्ष के नकारात्मक प्रचार का कोई असर नहीं पड़ेगा.
सवाल: संसद में हंगामा और गतिरोध की स्थिति बनी रहती है. क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: हम चाहते हैं कि हर सांसद गंभीरता से अपनी जिम्मेदारी निभाएं. जनता सांसदों को इसलिए चुनती है ताकि वे देश के लिए कानून बनाएं, नीतियां तैयार करें और अपने क्षेत्र की जनता के मुद्दे उठाएं, लेकिन कुछ विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस संसद का उपयोग गंभीरता से नहीं कर रहे. वो संसद की कार्यक्षमता को समझ ही नहीं पा रहे हैं. मैं इसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस हाईकमान को मानता हूं. कई सांसद व्यक्तिगत रूप से अपनी क्षेत्रीय समस्याओं को संसद में उठाना चाहते हैं और सरकार से सवाल पूछना चाहते हैं, लेकिन विपक्षी नेतृत्व उन्हें ऐसा करने से रोक रहा है. विपक्षी दल के तमाम नेता के इशारे पर विपक्षी दल के तमाम सांसद संसद में हंगामा करके सुर्खियां बटोरने और अनुचित भाषा का इस्तेमाल करते हैं. मौजूदा विपक्षी नेता अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम नहीं हैं. संसदीय इतिहास में जितने भी नेता विपक्ष रहें, चाहे वो अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरुण जेटली हो, उन्होंने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है. राहुल गांधी और उनके सहयोगी संसद की गरिमा को कम करने में लगे हैं, लेकिन सरकार मजबूत है और Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में संसद अपना काम कर रही है. संसद लोकतंत्र का केंद्र बिंदु है और सभी सांसदों को इसे गंभीरता से लेना चाहिए. इस बार संसद के मानसून सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए हैं, जो देश के लिए मील का पत्थर साबित होंगे. इन विधेयकों में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानून शामिल हैं, जिसमें कोई भी व्यक्ति, चाहे वह Prime Minister, Chief Minister या मंत्री हो, भ्रष्टाचार के मामले में जेल में रहने पर उन्हें पद छोड़ना होगा. इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने, खेल सुधारों को बढ़ावा देने, खनन और खनिज विकास, शिपिंग, और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को इस बार सरकार लेकर आई है.
सवाल: कांग्रेस के नेता बार-बार शशि थरूर पर हमला कर रहे हैं. आपको शशि थरूर कैसे नेता लगते हैं?
जवाब: कांग्रेस पार्टी में भी बहुत अच्छे नेता हैं, जैसे शशि थरूर. वो कांग्रेसी हैं, लेकिन देश के लिए सोचते हैं. मैं अपने अनुभव के आधार पर कह रहा हूं कि विपक्षी दलों में तमाम संसद सदस्य हैं, जो देशहित में अच्छा विचार रखते हैं, लेकिन वो अपने नेता के सामने बोलने से डरते हैं. शशि थरूर अगर हिम्मत करके कोई बात देशहित में बोल देते हैं तो कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनको गाली पड़ती है. ये ठीक नहीं है.
सवाल: क्या कांग्रेस नॉर्थ ईस्ट में बांग्लादेशी और घुसपैठियों को बसाना चाह रही है?
जवाब: कांग्रेस पार्टी ने शुरू से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों को असम और नॉर्थ ईस्ट में संरक्षण दिया, लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अवैध घुसपैठियों को जगह नहीं मिलेगी.
सवाल: मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद के अंदर सीआईएसएफ बुला लेने का आरोप लगाया है. इस बात में कितनी सच्चाई है?
जवाब: संसद में सीआईएसएफ के जवान घुस नहीं सकते हैं. संसद नियम से चलता है. मल्लिकार्जुन खड़गे वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए. इस तरह के हल्के आरोपों से बचना चाहिए क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं है.
सवाल: ऑपरेशन महादेव पर जब चर्चा की बात आई तो विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस पर सवाल उठाए, क्या कहना चाहेंगे?
जवाब: ऑपरेशन महादेव के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जानकारी दी. इस दौरान पूरे देश में इसका स्वागत किया गया, लेकिन विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए थे. कैप्टन शुभांशु शुक्ला जब अंतरिक्ष यात्रा से वापस लौटे तो संसद में हमने विशेष चर्चा का समय तय किया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे भी नहीं होने दिया. दो से तीन कांग्रेसी सांसदों ने कहा कि कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाकर कौन सा बड़ा काम कर लिए, वहां पैसा देकर कोई भी जा सकता है. इससे ही कांग्रेस पार्टी की मानसिकता उजागर होती है.
सवाल: एससीओ शिखर सम्मेलन से पीएम मोदी की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उस पर क्या कहेंगे?
जवाब: पीएम मोदी वैश्विक नेता हैं, जिसे पूरी दुनिया भी मानती है. पीएम मोदी विश्व के सबसे सीनियर स्टेट्समैन हैं. उनकी पहचान ग्लोबल विजनरी स्टेट्समैन के तौर पर है.
सवाल: राहुल गांधी बार-बार असम के सीएम की गिरफ्तारी की बात कह रहे हैं. आपको क्या कहना है?
जवाब: हिमंत बिस्वा सरमा जब कांग्रेस पार्टी में थे तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की हरकतों को नजदीक से देखा था और उसे उजागर किया था. उससे राहुल गांधी चिढ़े हुए हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी का पोल खोलकर देश को बता दिया कि वो कितने नासमझ हैं. पूरा देश उनकी सच्चाई को जानता है. ऐसे में राहुल गांधी का परेशान होना स्वभाविक है.
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एकेएस/डीकेपी
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