New Delhi, 14 जुलाई . भारत में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री ने 2025 की दूसरी तिमाही में अपनी रणनीतिक गति बनाए रखी और पब्लिक मार्केट एक्टिविटी सहित 1.3 अरब डॉलर मूल्य के कुल 29 लेनदेन दर्ज किए. यह जानकारी Monday को आई एक रिपोर्ट में दी गई.
ग्रांट थॉर्नटन भारत के ‘दूसरी तिमाही ऑटोमोटिव डीलट्रैकर’ के अनुसार, उद्योग में आईपीओ और क्यूआईपी को छोड़कर, 94.6 करोड़ डॉलर मूल्य के 28 सौदे हुए.
रिपोर्ट के अनुसार, सौदों के मूल्य में तिमाही आधार पर 36 प्रतिशत की गिरावट आई; हालांकि, 2024 की दूसरी तिमाही की तुलना में ये दोगुने हो गए.
रिपोर्ट में कहा गया है, “यह उच्च-मूल्य वाले लेनदेन की ओर एक स्पष्ट झुकाव का संकेत देता है और इसने औसत सौदे के आकार में भी वृद्धि दर्ज की, जो 1.7 करोड़ डॉलर से बढ़कर 3.4 करोड़ डॉलर हो गया.”
इस तिमाही की गतिविधियों का नेतृत्व ऑटोटेक और मोबिलिटी-एज-ए-सर्विस (एमएएएस) सेगमेंट ने किया, जो स्केलेबल, टेक-ड्रिवन मोबिलिटी सॉल्यूशन पर निवेशकों के ध्यान को दर्शाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सबसे बड़ा चालक बना रहा, जिनकी सौदों की मात्रा में 34 प्रतिशत और सौदों के मूल्य में 39 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.
रिपोर्ट के अनुसार, बदलती वैश्विक व्यापार गतिशीलता, विकसित होती घरेलू नीतियों और इनोवेशन एंड क्लीन मोबिलिटी के लिए निवेशकों की बढ़ती रुचि के कारण भारत का ऑटो सेक्टर एक अधिक सस्टेनेबल और प्रतिस्पर्धी भविष्य की ओर बढ़ रहा है.
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर और ऑटोमोटिव उद्योग प्रमुख साकेत मेहरा ने कहा, “भारतीय ऑटो इंडस्ट्री नीतिगत बदलावों, वैश्विक व्यापार विकास और सस्टेनेबल मोबिलिटी सॉल्यूएशन के लिए निवेशकों की बढ़ती रुचि के बीच संतुलन बनाते हुए रणनीतिक परिवर्तन के दौर से गुजर रही है.”
मेहरा ने आगे कहा कि इस तिमाही में सौदों के मूल्य में थोड़ी कमी आई है, लेकिन ऑटोटेक और ईवी-लेड इंवेस्टमेंट में निरंतर वृद्धि इस सेक्टर के इनोवेशन, मापनीयता और दीर्घकालिक प्रतिस्पर्धात्मकता की ओर झुकाव को दर्शाती है.
इस बीच, 2025 की दूसरी तिमाही में विलय और अधिग्रहण (एम एंड ए) गतिविधियों में नरमी देखी गई, जिसमें कुल 305 मिलियन डॉलर के 8 सौदे हुए, जो पिछली तिमाही की तुलना में मात्रा में 11 प्रतिशत और मूल्य में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि धीमी गति के बावजूद, इस अवधि में ऑटो-टेक इनोवेशन और प्लेटफ़ॉर्म-ड्रिवन कंसोलिडेशन की दिशा में एक निर्णायक मोड़ देखा गया.
2025 की दूसरी तिमाही में निजी इक्विटी (पीई) परिदृश्य स्थिर रहा, जिसमें 20 सौदे हुए, जिनका कुल मूल्य 641 मिलियन डॉलर था, जो मात्रा में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, लेकिन बड़े सौदों की अनुपस्थिति के कारण मूल्य में 43 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है.
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एसकेटी/
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