New Delhi, 1 अक्टूबर . इस साल सितंबर में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन की संख्या सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 19.63 अरब हो गई है. साथ ही, इन लेनदेन की वैल्यू सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 24.90 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई है. यह जानकारी नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन (एनपीसीआई) की ओर से Wednesday को दी गई.
मासिक आधार पर भी यूपीआई लेनदेन की वैल्यू में बढ़त देखी गई है, जो कि अगस्त में 24.85 लाख रुपए थी.
एनपीसीआई के मुताबिक, औसत प्रति दिन लेनदेन की वैल्यू सितंबर में बढ़कर 82,991 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है, जो कि अगस्त में 80,177 करोड़ रुपए थी.
सितंबर में प्रति दिन औसत 65.4 करोड़ लेनदेन हुए, जो कि अगस्त में औसत 64.5 करोड़ थे.
इससे पहले अगस्त में यूपीआई ने पहली बार 20 अरब मासिक लेनदेन का आंकड़ा पार किया था. 2 अगस्त को रिकॉर्ड 70 करोड़ से अधिक लेनदेन हुए थे.
इसके अतिरिक्त, एनपीसीआई ने पर्सन-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन की कुछ श्रेणियों के लिए लिमिट को बढ़ाकर 10 लाख रुपए (24 घंटों के लिए) कर दिया है. इस कदम उद्देश्य यूपीआई के जरिए हाई वैल्यू लेनदेन को बढ़ाना है. हालांकि, एनपीसीआई ने पर्सन-टू-पर्सन (पी2पी) के लिए लिमिट को एक लाख रुपए प्रति दिन पर बरकरार रखा था.
अब एक लेनदेन में 5 लाख रुपए तक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान यूपीआई के जरिए करने की अनुमति है, हालांकि 24 घंटे की सीमा 6 लाख रुपए निर्धारित की गई है.
नए फ्रेमवर्क के तहत, कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस पेमेंट के लिए प्रति लेनदेन सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है, जबकि दैनिक सीमा 10 लाख रुपए है.
Governmentी ई-मार्केटप्लेस लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेनदेन कर दी गई है. यात्रा बुकिंग, ऋण चुकौती और ईएमआई संग्रह के लिए प्रति लेनदेन सीमा भी 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है.
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एबीएस/
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