पटना, 31 जुलाई . बिहार का आदिवासी बहुल क्षेत्र हरनाटांड, जो कभी नक्सलियों के प्रभाव के लिए कुख्यात था, अब विकास की मुख्य धारा से जुड़कर प्रगति की नई कहानी लिख रहा है. स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में इसने उल्लेखनीय प्रगति की है, जो स्थानीय लोगों के लिए आशा की किरण बन रही है.
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के हरनाटांड कस्बे का यह परिवर्तन केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं है. क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार देखा जा रहा है. नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त होकर यह क्षेत्र अब शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर है.
इस बदलाव का जीवंत उदाहरण 1969 में स्थापित धिरौली प्राथमिक ऊन बुनकर सहकारी समिति है, जो आज न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि सामाजिक समावेशन को भी बढ़ावा दे रही है.
धिरौली प्राथमिक ऊन बुनकर सहकारी समिति में वर्तमान में 40 से 50 लोग कार्यरत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं हैं. यह समिति शॉल, गमछे, चादर, स्वेटर और बिछौने जैसे उत्पाद बनाती है, जिनकी स्थानीय और बाहरी बाजारों में डिमांड है.
समिति के सदस्य हरिंद्र काजी ने बताया, “हमारे यहां शॉल, चादर, गमछा और बिछौने बनाए जाते हैं. 1969 में स्थापित इस समिति को सरकार से भवन और आधुनिक मशीनों के रूप में सहायता प्राप्त हुई है, जिसने उत्पादन क्षमता को बढ़ाया है. यह न केवल समिति की कार्यक्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.”
समिति में कार्यरत एक सदस्य ने बताया, “यहां 40 से 50 महिलाएं काम करती हैं. हम चादरें, शॉल, गमछे और अन्य सामान बनाते हैं, जिससे हमारी आजीविका चलती है. यहां तमाम महिलाएं सशक्त होने के साथ आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो रही हैं. साथ ही परिवार के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन रही हैं.”
एक अन्य महिला नर्मदा देवी ने कहा, “हम शॉल, गमछा, स्वेटर के साथ तमाम चीजों को बनाते हैं. यह काम हमें सम्मान और आत्मविश्वास देता है.”
धिरौली समिति जैसे प्रयास स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ सामाजिक एकजुटता प्रदान कर रहे हैं. सरकार और स्थानीय समुदाय के संयुक्त प्रयास ने हरनाटांड को एक नई पहचान दी है, जो अन्य क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणादायी है.
–
एकेएस/एबीएम
The post बिहार : प्राथमिक ऊन बुनकर सहयोग समिति ने महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर appeared first on indias news.
You may also like
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में ननों की ग़िरफ़्तारी, केरल बीजेपी क्यों है परेशान
गीले बालों को तौलिए से बांधने के नुकसान: जानें क्यों है यह हानिकारक
गुरुचरण सिंह की बिगड़ती सेहत: 19 दिन से खाना-पीना बंद
रात को ब्रश न करने से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का खतरा: नई स्टडी
लोहे की कढ़ाही में पकाने के लिए सही और गलत खाद्य पदार्थ