नोएडा, 22 सितंबर . शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ Monday से हो गया है. प्रथम दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना पूरे जिले में धूमधाम से की जा रही है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा.
धार्मिक मान्यता है कि माता शैलपुत्री की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है, रिश्तों में मजबूती होती है और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है.
माता शैलपुत्री का स्वरूप अत्यंत शांत और सौम्य है. उनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प है. उनका वाहन वृषभ है.
माता शैलपुत्री के पूजन से ‘मूलाधार चक्र’ जाग्रत होता है, जिससे जीवन में स्थिरता और आत्मबल प्राप्त होता है. इसी कारण भक्त विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ नवरात्रि के प्रथम दिन इनकी पूजा करते हैं.
नवरात्रि के आरंभ होने के अवसर पर भक्तजन सुबह स्नान-ध्यान कर विधिपूर्वक कलश स्थापना करते हैं.
परंपरा के अनुसार, कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, चंदन, अक्षत आदि डालकर उसे पूर्वोत्तर कोण में स्थापित किया जाता है. कलश के ऊपर आम या पीपल के पत्ते तथा नारियल रखा जाता है.
पूजा के दौरान नवार्ण मंत्र “ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जाप कर माता शैलपुत्री को पुष्प, फल और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं. श्रद्धालु इस दिन केसरिया वस्त्र धारण करते हैं और फलाहार करते हुए मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
नवरात्र के पावन पर्व को देखते हुए जिला प्रशासन और Police विभाग ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के विशेष प्रबंध किए हैं. Sunday देर रात तक अधिकारियों ने बैठक कर सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर Police बल की तैनाती सुनिश्चित की.
Monday सुबह से ही मंदिरों, प्रमुख चौराहों और भीड़भाड़ वाले मार्गों पर यातायात Policeकर्मी सक्रिय नजर आए. Police ने श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि वे निर्धारित मार्गों से ही आवागमन करें और किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें.
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पीकेटी/एबीएम
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