जयपुर, 1 नवंबर . जिन किताबों में गुजरात दंगों का जिक्र किया गया था, उसे अब राजस्थान सरकार ने वापस मंगा लिया है. पहले किताब वापस मंगाने की वजह कुछ और बताई गई थी. लेकिन, इसके बाद जो दूसरी वजह सामने आई, उससे राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं.
दरअसल, पहले यह बताया गया था कि किताबों में कुछ तकनीकी खामियां रह गई हैं, जिन्हें दुरूस्त करना होगा . इसके बाद ही यह पठनीय होगी.
मसलन, किताबों की प्रिंटिंग क्वालिटी खराब बताई गई थी, कुछ पन्नों में हेरफेर होने की बात कही गई थी. कहा गया था कि ऐसा होने से बच्चों को पढ़ने में दिक्कत हो सकती है.
इसी को देखते हुए यह किताबें मंगवाई गई है. लेकिन, इसके बाद राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने किताबें मंगवाने के पीछे की जो वजह बताई, उससे राजनीतिक भूचाल आ गया है.
मंत्री मदन दिलावर ने अपने बयान में कहा कि इन किताबों में गोधरा कांड के हत्यारों का महिमामंडन किया गया है. गोधरा कांड के संबंध में किताबों में गलत जानकारी दी गई है. ऐसा करके बच्चों को गुमराह किया जा रहा है. इसी को देखते हुए यह किताब वापस मंगाई गई है. इन किताबों में यह बताया गया है कि गोधरा कांड में ट्रेन जलाने वाले हिंदू थे, यही नहीं उन्हें अपराधी भी कहा गया है. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि गुजरात की तत्कालीन सरकार ने इस संबंध में गलत जानकारी दी है. वहीं, अब इस मामले के कई पहलू निकलकर सामने आ रहे हैं.
इसके अलावा, मदन दिलावर ने पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर अपने कार्यकाल के दौरान इस किताब के प्रकाशन की मंजूरी देने की बात कही है, जिसे पर डोटासरा की प्रतिक्रिया भी सामने आई.
उन्होंने दिलावर के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
उन्होंने कहा कि दिलावर द्वारा लगाया जा रहा है कि पूरी तरह से बेबुनियाद है, जिसमें बिल्कुल भी सत्यता नहीं है.
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एसएचके/जीकेटी
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