Next Story
Newszop

जम्मू-कश्मीर : सीजफायर के बाद फसल बर्बाद होने की चिंता से मुक्त हुए राजौरी के किसान

Send Push

राजौरी, 24 मई . ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के कारण युद्ध जैसे आसार दिखने लगे थे. इसका सबसे ज्यादा नुकसान बॉर्डर इलाकों के गांवों को उठाना पड़ा, लेकिन अब सीजफायर के बाद इन गांवों के हालात धीरे-धीरे पहले जैसे सामान्य हो गए हैं. ग्रामीणों और किसानों ने शनिवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए सरकार से बॉर्डर इलाकों स्थिति सामान्य बनाए रखने की अपील की.

सीजफायर के बाद राजौरी के किसान खुश हैं. वे फसलों की बुआई को लेकर उत्साहित हैं. कृषि विभाग ने भी बीज वितरण में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. पाकिस्तान की ओर से हुई फायरिंग के चलते बीते महीनों में सीमा से सटे इलाकों में तनाव का माहौल बना हुआ था, जिससे खेती का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा था. किसान चिंतित थे कि उनकी मेहनत और फसलें कहीं बर्बाद न हो जाएं.

हालांकि अब सीजफायर लागू होने के बाद सीमावर्ती इलाकों में शांति बहाल हो चुकी है और किसान एक बार फिर खेतों की ओर लौटने लगे हैं. मक्के की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है और किसान उत्साहित होकर कृषि कार्यालय से बीज प्राप्त कर रहे हैं.

इस संबंध में चीफ एग्रीकल्चर ऑफिसर राजौरी, मदन पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया, “इस बार किसानों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विभाग ने बीज वितरण में विशेष सक्रियता दिखाई है. हमने इस बार पहले से अधिक मात्रा में मक्के का बीज मंगवाया है ताकि किसानों को कोई दिक्कत न हो. हाइब्रिड और उच्च गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे बेहतर उत्पादन सुनिश्चित हो सके.”

सीमा क्षेत्र के किसानों ने बातचीत में सबसे पहले ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया और केंद्र सरकार का आभार जताया कि सीजफायर के चलते उनकी जानें महफूज़ हुईं और अब वे फिर से शांतिपूर्वक खेती कर सकते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह शांति लंबे समय तक कायम रहे, ताकि उनके जीवन में स्थिरता बनी रहे.

एससीएच/जीकेटी

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now