New Delhi, 10 अगस्त . पूरे देश में कोविड के बाद म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश में काफी तेजी देखने को मिली है और छोटे शहर एवं कस्बे यानी बी30 ने ( शीर्ष 30 के अलावा अन्य शहर) वृद्धि में बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है. यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से दी गई.
कुल म्यूचुअल फंड एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम)में जून 2025 तक बी30 शहरों की हिस्सेदारी 18.5 प्रतिशत थी, जो इंडस्ट्री के कुल 75 लाख करोड़ रुपए के एयूएम में से लगभग 14 लाख करोड़ रुपए के बराबर है.
पिछले पांच वर्षों में बी30 शहरों में एयूएम में 28 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से वृद्धि हुई है, जबकि टी30 शहरों में यह दर 23 प्रतिशत रही.
रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि के दौरान इंडस्ट्री का कुल एयूएम सालाना आधार पर 24 प्रतिशत की दर से बढ़ा है.
रिपोर्ट में कहा गया कि यह रुझान देश के भौगोलिक निवेश मानचित्र को भी बदल रहा है. उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य म्यूचुअल फंड एयूएम रैंकिंग में बड़े और अधिक विकसित राज्यों से आगे निकल गए हैं, जिन्हें पारंपरिक रूप से कम समृद्ध माना जाता है.
उत्तर प्रदेश का एयूएम अब तमिलनाडु से ज्यादा हो गया है. वहीं, राजस्थान,तेलंगाना से और मध्य प्रदेश केरल से आगे निकल गया है.
इंडस्ट्री एक्सर्ट्स का मानना है कि बढ़ती वित्तीय साक्षरता, बेहतर डिजिटल पहुंच और एसआईपी की सफलता ने छोटे शहरों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद की है.
यह बदलाव दर्शाता है कि भारत में इन्वेस्टमेंट कल्चर अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि टियर-2 और टियर-3 क्षेत्रों में भी फैल रहा है.
यह पैटर्न अन्य आर्थिक रुझानों को दर्शाता है, जहां छोटे शहर ई-कॉमर्स, फिनटेक और खुदरा जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
विश्लेषकों का कहना है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार आने वाले वर्षों में पूंजी बाजारों को गहरा करने और खुदरा भागीदारी को बढ़ाने में मदद कर सकता है.
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एबीएस/
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