Mumbai , 6 नवंबर . Maharashtra के उपChief Minister अजित पवार ने पुणे के मुंडवा-कोरेगांव पार्क में अपने बेटे पार्थ पवार से जुड़े बहुमूल्य भूमि सौदे से खुद को अलग करते हुए कहा कि उनका इस सौदे से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने Chief Minister देवेंद्र फडणवीस की ओर से आदेशित जांच का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा करना उनका अधिकार है.
उन्होंने दावा किया कि मैंने आज तक कभी भी अधिकारियों को यह निर्देश नहीं दिया कि मेरे करीबी या दूर के रिश्तेदारों को लाभ मिले. मैंने कभी भी अधिकारियों को बुलाकर कोई आदेश नहीं दिया है. उपChief Minister होने के नाते, मैं सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहता हूं कि अगर कोई मेरे नाम का इस्तेमाल गलत काम करने के लिए करता है या ऐसा कुछ करता है जो नियमों के अनुसार नहीं है, तो मैं उनका समर्थन नहीं करूंगा. मैं कानून और नियमों के दायरे में काम करने वाला व्यक्ति हूं.
उन्होंने कहा कि वे कानून के दायरे में रहकर काम करते हैं. जब एक परिवार के बच्चे वयस्क हो जाते हैं, तो वे अपने तरीके से व्यवहार करते हैं, लेकिन मैंने इसके लिए किसी अधिकारी को नहीं बुलाया है, न ही मेरा इससे कोई संबंध है. मैं संविधान और कानून का पालन करने वाला व्यक्ति हूं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता हूं कि दूसरे भी कानून के अनुसार काम करें. इसलिए, मैं इस मामले पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद कल बात करूंगा.
इस पूरे मामले पर प्रदेश के Chief Minister देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मैंने इस मामले से संबंधित सभी जानकारी मांगी है. मैंने राजस्व विभाग, पंजीकरण और भूमि अभिलेख महानिरीक्षक से सभी जानकारी मांगी है. मैंने उचित जांच के आदेश भी दिए हैं. जो मुद्दे सामने आ रहे हैं, वे गंभीर हैं. इसलिए, हमें सही जानकारी मिलने के बाद ही इस बारे में बात करनी चाहिए. आज जानकारी मिलने के बाद, हम Government की अगली कार्रवाई के बारे में दिशा स्पष्ट करेंगे.”
फडणवीस का यह कदम राज्य परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता और शिवसेना यूबीटी नेता अंबादास दानवे द्वारा अजित पवार पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाने के बाद आया है. दानवे ने कहा था कि 1,800 करोड़ रुपए की जमीन कथित तौर पर मात्र 500 रुपए की स्टांप ड्यूटी देकर मात्र 300 करोड़ रुपए में खरीदी गई थी.
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एसएके/पीएसके
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