New Delhi, 10 जुलाई . दिग्गज ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन ने Thursday को निफ्टी के लिए 30,000 का टारगेट दिया और साथ ही कहा कि वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही से भारतीय कॉरपोरेट्स की आय में रिकवरी शुरू हो जाएगी, जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा है.
जेपी मॉर्गन की ओर से जारी की गई इंडिया इक्विटी स्ट्रेटजी रिपोर्ट में कहा गया कि अगले छह से नौ महीनों में बुल केस में निफ्टी 30,000 के लक्ष्य तक पहुंच सकता है. वहीं, बेस केस के लिए लक्ष्य 26,500 दिया.
इसके अलावा ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने अपने प्रीव्यू नोट में कहा, “हमारा मानना है कि यह तिमाही आय में सुधार के लिए आधार तैयार करेगी, जो निम्न आधार और आर्थिक गति में पुनरुद्धार से प्रेरित होगी.”
जेपी मॉर्गन के अनुसार, हेल्थकेयर का प्रदर्शन इस तिमाही में सबसे अच्छा रह सकता है. वित्त वर्ष 26 की अप्रैल-जून अवधि में हमारे द्वारा कवर की जाने वाली कंपनियों की आय वृद्धि दर 15 प्रतिशत और ईबीआईटीडीए वृद्धि दर 19 प्रतिशत रह सकती है. इसकी वजह क्षमता विस्तार, अधिक टैरिफ और निम्न आधार होना है.
इसके अलावा ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि निजी जीवन बीमा कंपनियों द्वारा सालाना आधार पर 8 प्रतिशत से अधिक की वीएनबी (वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस) वृद्धि दर्ज किए जाने की संभावना है, जिसका मुख्य कारण अधिक बिक्री होना है.
जेपी मॉर्गन के अनुसार, सीमेंट कंपनियों से स्थिर आय की उम्मीद है, इसकी वजह कीमतों में बढ़ोतरी होना है.
जेपी मॉर्गन ने कहा, “तिमाही-दर-तिमाही आधार पर बिक्री कमजोर हो सकती है, लेकिन कीमतों में बढ़ोतरी से ईबीआईटीडीए/टन चौथी तिमाही के दायरे में रहेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि मौसमी प्रतिकूलताएं और साल के अंत में क्षमता में बड़े पैमाने पर वृद्धि, दीर्घकालिक मूल्यांकन में वृद्धि को सीमित कर सकती है.
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एबीएस/
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