नई दिल्ली, 25 जून . देश में इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर नई दिल्ली के कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद और कपिल मिश्रा मौजूद रहे.
सीएम रेखा गुप्ता ने कार्यक्रम के दौरान इमरजेंसी को याद किया और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “जो लोग आज संविधान की कॉपियां लेकर जेब में घूमते हैं और दावा करते हैं कि संविधान को दबाया जा रहा है. मैं उनसे कहना चाहती हूं पूरा देश गवाह है कैसे उनको पूर्वजों ने संविधान को दबाया और कुचला. पूरा देश इसका गवाह है.”
उन्होंने कहा, “यह हमारे इतिहास का एक काला अध्याय था, जब लोकतंत्र को कुचला गया. ऐसे समय में जब देश गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से जूझ रहा था, एक निकम्मी सरकार अपनी सत्ता बचाने में व्यस्त थी. सच्चा लोकतंत्र तब होता जब इंदिरा गांधी इस्तीफा देतीं, लोगों को सत्ता वापस सौंपती और माफी मांगती.”
इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “लोकतंत्र की हत्या को 50 साल बीत चुके हैं. मुझे उन लोगों पर हंसी और गुस्सा दोनों आ रहा है, जो आज भी लोकतंत्र को जेब में रखते हैं और दूसरों को इसकी रक्षा करने का उपदेश देते हैं. मैं उनसे कहना चाहती हूं कि लोकतंत्र की हत्या करने वाले आपके ही पूर्वज थे. भारतीय इतिहास में संविधान का गला घोंटने वाले दिन से ज्यादा काला दिन कोई नहीं हो सकता है. आज वे अपनी जेब में संविधान की कॉपी रखकर घूमते हैं और कहते हैं कि लोकतंत्र को बचाओ.”
इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, “आपातकाल को अब 50 साल हो गए हैं और एक बड़ी पीढ़ी ऐसी है, जिसने इसे कभी नहीं देखा. मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आज 70 या उससे अधिक उम्र के लोगों ने आपातकाल को झेला है, इसे करीब से झेला है और अत्याचारों को खुद देखा है. उस दौरान किए गए अत्याचार और अन्याय की सीमा को बताने के लिए पर्याप्त समय नहीं है.”
दिल्ली सरकार में मंत्री आशीष सूद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आपातकाल देश के इतिहास पर काला धब्बा है. ये उन लोगों की असलियत सामने लाता है, जो जेब में संविधान की लाल किताब रखकर चलते हैं और कहते हैं कि संविधान खतरे में हैं. उन्होंने (कांग्रेस) हजारों लोगों की हत्या की, लाखों लोगों को जेल में डाल दिया और इस पर उन्होंने आज तक माफी नहीं मांगी है.
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, “यह प्रदर्शनी दिल्ली सरकार द्वारा लगाई गई है. मनोहर लाल और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभी-अभी इसका जनता के लिए उद्घाटन किया है. प्रदर्शनी का उद्देश्य आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों को प्रदर्शित करना है. इसका एकमात्र उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश उस दौरान हुई लोकतंत्र और संविधान की हत्या को कभी न भूले और उससे मिले सबक को हमेशा याद रखे.”
आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “आपातकाल को 50 साल हो गए हैं. कांग्रेस, गांधी परिवार और इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाने के लिए जो किया, वह पाप था. आज हम राजीव गांधी पार्क में इसे याद कर रहे हैं, ताकि लोग उनके कुकर्मों को न भूलें. आज भी उनके अंदर एक खतरनाक मानसिकता है, जो कभी भी वापस आ सकती है. इसलिए हाल ही में संजय राउत ने भी आपातकाल को सही ठहराया. यह उनके अंदर समाया हुआ पाप है. हमें डर है कि यह बुराई फिर से उभर सकती है, इसलिए हर पीढ़ी को आपातकाल के अत्याचारों को याद रखना चाहिए और यह भी कि कैसे हमारे बुजुर्गों को जेल में डाला गया था.”
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एफएम/एएस
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