मुंबई, 6 मई . 7 मई को भारत के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने दावे के साथ कहा कि हमें तैयार रहने की जरूरत है क्योंकि, आने वाले दिनों में भारत पाकिस्तान पर सख्त कार्रवाई करेगा.
मंगलवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान संजय निरुपम ने कहा कि गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं. इसका मतलब है कि भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. ऐसे समय में हम सभी को तैयार रहने की जरूरत है. सरकार की ओर से मॉक ड्रिल आयोजित कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की टिप्पणी पर संजय निरुपम ने कहा कि यह भारत सरकार की सख्त नीतियों का परिणाम है. दुश्मन देश पर सख्ती दिखाना जरूरी है. हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष लोगों की हत्या की गई और आतंकी फरार हो गए. अब केवल आतंकियों को पकड़ना और सजा देना ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को भी हमेशा के लिए नष्ट करना होगा. देश की जनता को पीएम मोदी पर भरोसा है और जनता अपनी सरकार के साथ खड़ी है.
स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना मामले में शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, चाहे वह समय रैना ही क्यों न हो. उनके यूट्यूब वीडियो पर देशभर में विरोध हुआ और जांच एजेंसियों ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की. ऐसे में समय रैना का देश छोड़कर भाग जाना और पुलिस जांच में सहयोग न करना गलत है. यदि उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए. एक नागरिक के रूप में समय रैना को जांच प्रक्रिया में शामिल होना चाहिए और कानून का सम्मान करना चाहिए. कानून सबके लिए समान है.
एक सवाल के जवाब में शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की आर्थिक स्थिति पर टिप्पणी करने वालों को यह समझना जरूरी है कि कांग्रेस शासित राज्यों की हालत बहुत ज्यादा खराब है. हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल रहा. कर्नाटक की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. तेलंगाना, जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां भी स्थिति ठीक नहीं है. यह कांग्रेस की खराब आर्थिक योजना और प्रबंधन का नतीजा है, जिससे राज्य आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है.
सीबीआई निदेशक की नियुक्ति पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा कि सीबीआई एक निष्पक्ष जांच एजेंसी है, जिसके निदेशक की नियुक्ति एक उच्चस्तरीय कमेटी द्वारा की जाती है. इस कमेटी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं, जिसमें नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी सदस्य होते हैं. सभी अपनी बात रखते हैं, लेकिन अंतिम फैसला पीएम का होता है.
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डीकेएम/केआर
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