New Delhi, 19 अगस्त . भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने केवल चार दिनों में 5 लाख से अधिक फास्टैग-आधारित वार्षिक टोल परमिट बेचे हैं, जिससे 150 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है.
चार दिनों में सबसे अधिक एनुअल पास तमिलनाडु में खरीदे गए, उसके बाद कर्नाटक और हरियाणा का स्थान रहा.
एनएचएआई के एक बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में टोल प्लाजा पर फास्टैग एनुअल पास के जरिए सबसे ज्यादा लेन-देन दर्ज किए गए.
निजी वाहन अब राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल प्लाजा से मुफ्त आवाजाही के लिए एनुअल टोल पास का इस्तेमाल कर सकते हैं, प्रत्येक पास की कीमत 3,000 रुपए है.
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित टोल प्लाजा पर कार, जीप और वैन इस सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पास एक्टिवेशन से एक वर्ष या 200 टोल ट्रिप तक, जो भी पहले हो, वैध होता है.
सीमा पूरी होने पर फास्टैग स्वचालित रूप से स्टैंडर्ड पे-पर-ट्रिप मोड में बदल जाता है. पॉइंट-आधारित टोल प्लाजा के लिए, प्रत्येक एक-तरफा क्रॉसिंग को एक ट्रिप माना जाता है और वापसी को दो ट्रिप माना जाता है. क्लोज्ड और टिकट सिस्टम प्रवेश से निकास तक की पूरी यात्रा को एक ट्रिप माना जाता है.
कुछ फास्टैग विशेष रूप से नए वाहनों के लिए जारी किए गए हैं केवल वाहन के चेसिस नंबर के साथ पंजीकृत हो सकते हैं. ऐसे फास्टैग पर एनुअल पास एक्टिव नहीं किया जा सकता है और उन्हें पूरा वाहन पंजीकरण नंबर शामिल करने के लिए अपडेट किया जाना चाहिए.
पास राजमार्ग यात्रा मोबाइल ऐप, एनएचएआई या सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय वेबसाइटों या अधिकृत फास्टैग जारीकर्ता पोर्टलों के माध्यम से खरीदने के लिए उपलब्ध है.
पास के लिए भुगतान 3,000 रुपए यूपीआई, डेबिट या क्रेडिट कार्ड, या नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जा सकता है.
इस उद्देश्य के लिए फास्टैग वॉलेट बैलेंस का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. एक्टिवेशन आमतौर पर दो घंटे के भीतर पूरा हो जाता है और एसएमएस द्वारा पुष्टि की जाती है.
एक यात्री वाहन के लिए एवरेज टोल लगभग 50 रुपए है. बिना पास के साल में 200 चक्कर लगाने पर लगभग 10,000 रुपए का खर्च आएगा. एनुअल पास के साथ यह शुल्क 3,000 रुपए निर्धारित है, जिससे राजमार्ग पर यात्रा करने वालों को लगभग 7,000 रुपए की बचत होगी.
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एसकेटी/
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