New Delhi, 21 अक्टूबर . GST सुधारों से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को बड़ा बूस्ट मिला है और इससे पारंपरिक फसलों की खेती करने वाले छोटे पहाड़ी किसानों से लेकर ऐपण और रिंगाल क्राफ्ट को संरक्षित करने वाली महिला कारीगरों तक को फायदा हुआ है. यह जानकारी Tuesday को जारी एक आधिकारिक बयान में दी गई.
बयान में आगे कहा गया कि टैक्स का बोझ कम करके और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करके, GST सुधार आजीविका सुरक्षा, पर्यटन, एमएसएमई विकास और हरित उद्यमिता को मजबूत करेंगे.
GST दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने के साथ, पहाड़ी तुअर दाल जैविक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य बाजारों में और अधिक प्रतिस्पर्धी हो गई है. इस कदम से चमोली, अल्मोड़ा, टिहरी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों के छोटे किसानों को लाभ होगा. उत्तराखंड के पुरोला और मोरी में उगाए जाने वाले लाल चावल के भी, विशेष रूप से पैकेज्ड और स्वास्थ्यवर्धक खाद्य बाजारों में और अधिक प्रतिस्पर्धी होने की उम्मीद है.
इसी प्रकार, अपनी विशिष्ट सुगंध और स्वाद के लिए प्रसिद्ध अल्मोड़ा की जीआई-टैग वाली लखौरी मिर्ची उगाने वाले किसानों को GST दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से लाभ होगा.
होटल और रेस्टोरेंट सहित पर्यटन, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में 13.6 प्रतिशत का योगदान देता है और लगभग 80,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है. 7,500 रुपए तक के होटल किराए पर GST की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. इस सुधार से यात्रा और अधिक किफायती होने और नैनीताल, मसूरी, औली, चोपता, मुनस्यारी, हरिद्वार और ऋषिकेश के छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और होमस्टे को लाभ मिलने की उम्मीद है.
उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में, स्थानीय रूप से हाथ से बुने हुए स्वेटर, टोपी और मोजे पहाड़ी महिलाओं द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण मौसमी कुटीर उद्योग हैं. GST की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है जिससे मांग में वृद्धि और आय में वृद्धि होगी. इसी प्रकार, रिंगाल (पहाड़ी बांस) से बनी टोकरियां, ट्रे और उपयोगी वस्तुएं बनाने वाले कारीगरों को भी लाभ होगा.
उत्तराखंड में 383 पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां हैं, जो मुख्य रूप से रुद्रपुर में स्थित हैं और लगभग 30,000 लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं. GST दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से मार्जिन में सुधार, मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन और फल प्रसंस्करण, हर्बल उत्पादों और जैविक खाद्य पदार्थों जैसे क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य का कृषि-औद्योगिक आधार मजबूत होगा.
पंतनगर, रुद्रपुर, हरिद्वार और काशीपुर में ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 50,000 लोगों को रोजगार प्रदान करता है. 1200 सीसी (पेट्रोल) और 1500 सीसी (डीजल) तक के वाहनों पर GST दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से कीमतों में गिरावट की उम्मीद है. इससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिलेगा, निर्माताओं को समर्थन मिलेगा और ऑटोमोबाइल मूल्य श्रृंखला में अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
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एबीएस/
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