पापा आप अपना ख्याल रखना.. यहां बहुत बारिश हो रही है… घर मत आना। बस इतने ही शब्द पखरैर पंचातय का मुकेश अपने बच्चों के मुंह से सुन पाया और अगले दिन जब घर गया न तो वहां घर था, न परिवार। बाढ़ मुकेश के पिता गोकुल चंद, माता ढोलमा देवी, पत्नि भुवनेश्वरी , नौ वर्षीय बेटा सुर्याशं, बेटी तीन साला की उर्वशी बाढ़ बहाकर ले गई। पखैरर पंचायत में 11 लोग बहे हैं, उसमें पांच मुकेश के परिवार के सदस्य हैं।
सराज आपदा के अब दुखदाई पहलू सामने आ रहे हैं। पखरैर पंचायत के लांब के मुकेश अपने मालिक की गाड़ी में गोभी लेकर पंजाब मलेरकोटला गया था। जब वह 30 को वापस आया बारिश अधिक थी। थुनाग पहुंचने पर आगे जाने को रास्ता नहीं था।
बाढ़ में बह गया सबकुछमुकेश ने बोला ने बताया कि जब घर फोन किया था पत्नी बोली अपना ख्याल रखा, पीछे से बच्चों की आवाज आई पापा घर मत आना, यहां तेज बारिश है। मैं अपने चाचा के पास थुनाग में रूक गया। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। रात भर तेज बारिश को देखकर दिल घबराता रहा क्योंकि बादल फटने की सूचना आई थी।
सुबह उठते ही पैदल पांच किलोमीटर चलकर जब घर सुबह नौ बजे पहुंचा न तो वहां घर था न परिवार के कोई सदस्य। मतलब बाढ़ अपने साथ सब बहाकर ले गई थी। मुकेश वहीं पर बेहोश हो या। आस पास के लोगों ने उसे ले गए। अब पूरे परिवार में अकेला मुकेश ही बचा है।
राशन तो दिया पर बनाने के लिए बर्तन तक नहींमुकेश कुमार ने बताया कि आज घटना को एक सप्ताह से ज्यादा का समय हो गया है। मेरे पास प्रशासन की ओर से केवल पटवारी ही पहुंचा था। जबकि मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने उसका हाल जाना। मुकेश ने बताया कि प्रशासन ने राशन तो दिया है लेकिन मेरे पास बनाने के लिए बर्तन तक नहीं बचे हैं।
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