आजकल डायबिटीज के मरीजों के लिए घर पर ही अपना ब्लड शुगर चेक करना बहुत आम और आसान हो गया है। ग्लूकोमीटर ने लोगों की ज़िंदगी काफी आसान बना दी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्लूकोमीटर का सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर रीडिंग गलत आ सकती है? और अगर गलत रीडिंग आए, तो दवा की मात्रा या खान-पान गलत हो सकता है, जिसका सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ेगा।
डायबिटीज के मरीज अक्सर कुछ ऐसी गलतियां करते हैं, जिनकी वजह से उन्हें अपनी शुगर का सही स्तर पता नहीं चलता। आइए जानते हैं, वे कौन सी 5 गलतियां हैं जिन्हें ग्लूकोमीटर का इस्तेमाल करते वक्त अक्सर लोग दोहराते हैं:
1. हाथों को सही से साफ न करना:
* गलती: सबसे बड़ी गलती! खून निकालने से पहले हाथों को अच्छे से साफ न करना या अल्कोहल स्वाइप को सूखने से पहले ही टेस्ट कर लेना। हाथों पर लगा खाना, चीनी या गंदगी रीडिंग को प्रभावित कर सकती है।
* सही तरीका: खून निकालने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। अल्कोहल स्वाइप का उपयोग कर रहे हैं तो उसे पूरी तरह सूखने दें, तभी टेस्ट करें।
2. एक्सपायर्ड स्ट्रिप्स का उपयोग करना:
* गलती: ग्लूकोमीटर स्ट्रिप्स की एक्सपायरी डेट अक्सर लोग चेक नहीं करते। एक्सपायर्ड स्ट्रिप्स गलत और अविश्वसनीय रीडिंग देती हैं।
* सही तरीका: हमेशा नई और एक्सपायर न हुई स्ट्रिप्स का उपयोग करें। खरीदने से पहले एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें।
3. बहुत कम खून का नमूना:
* गलती: कभी-कभी लोग खून का पर्याप्त नमूना नहीं ले पाते, या सोचते हैं कि थोड़े खून से भी काम चल जाएगा। कम खून होने पर मशीन ठीक से पढ़ नहीं पाती।
* सही तरीका: उंगली में प्रिक करने से पहले उंगली को हल्का सा दबाएं ताकि खून की एक अच्छी बूंद निकल सके। इतनी बूंद हो कि वो स्ट्रिप के पूरे सेंसिंग एरिया को कवर कर ले।
4. मशीन को साफ न करना या गलत तरीके से स्टोर करना:
* गलती: ग्लूकोमीटर को धूल-मिट्टी और गंदगी से बचाकर न रखना। कभी-कभी लोग उसे बहुत गर्म या ठंडी जगह पर रख देते हैं।
* सही तरीका: ग्लूकोमीटर को साफ, सूखी और कमरे के सामान्य तापमान वाली जगह पर रखें। इसे नमी और धूल से बचाएं। इस्तेमाल के बाद साफ कपड़े से पोंछ लें।
5. पहली बूंद को इस्तेमाल करना:
* गलती: प्रिक करने के बाद खून की जो पहली बूंद निकलती है, उसे सीधे स्ट्रिप पर लगा देना। पहली बूंद में टिश्यू फ्लूइड्स हो सकते हैं जो रीडिंग को बदल सकते हैं।
* सही तरीका: प्रिक करने के बाद खून की पहली बूंद को पोंछ दें। फिर जो दूसरी बूंद निकले, उसे टेस्ट स्ट्रिप पर लगाएं।
क्यों ज़रूरी है सही रीडिंग?
अगर आपकी ग्लूकोमीटर की रीडिंग गलत आती है, तो आप अपनी दवा का डोज गलत कर सकते हैं या अपने आहार में ऐसा बदलाव कर सकते हैं, जो आपकी सेहत के लिए ठीक न हो। सही रीडिंग ही सही उपचार और बेहतर स्वास्थ्य की कुंजी है। इन गलतियों को सुधार कर आप अपनी डायबिटीज को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे।
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