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बरेली बवालः सबने बना लिया था इज्जत का सवाल, नफीस ने उगला सारा सच

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बरेली में आईएमसी नेता डॉ. नफीस बेटे के साथ जेल गया तो चेहरे पर थकान और गुस्से के मिश्रित भाव दिखे। एसएसपी व एसपी सिटी ने उससे पूछताछ की तो मौजूदा हालत पर अफसोस जताया। कहा कि पूरी जिंदगी जो इज्जत कमाई, वह बुढ़ापे में खराब हो गई। जेल से निकलते ही पार्टी से इस्तीफा दे दूंगा।

एसएसपी अनुराग आर्य ने पूछताछ के दौरान बदहवास नफीस खां को चाय पिलवाई। उससे पूछा कि वह और मौलाना क्यों माहौल भड़काना चाहते थे? जबकि उनकी पार्टी की सदस्यता तक रद्द हो चुकी है तो चुनाव में प्रत्याशी भी खड़ा नहीं कर सकते। तब नफीस ने बताया कि मौलाना ने पुरानी आदत के मुताबिक ये सब किया।

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उसने मौलाना को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन यूथ अध्यक्ष अल्तमश, फरहत, मुनीर व नदीम बवाल कराने और मौलाना को भड़काने पर उतारू थे। कोई भी शख्स पीछे हटने की बात कहता था तो दूसरे साथी उसे मौलाना की नजर में बुजदिल साबित करने की कोशिश करते थे। इन्हीं वजहों से लोगों को भड़काने का सिलसिला ज्यादा आगे बढ़ गया।

अल्तमश ने किया था कूच का आह्वान, अब घर से भागा

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अल्तमश प्रेमनगर इलाके का निवासी है। रात में भीड़ के शहर में न आने का जो पत्र नफीस व नदीम ने जारी किया था, अल्चमश ने उसे फर्जी बताकर नई पोस्ट डाल दी। उसने लिखा कि इस पत्र का आईएमसी से कोई लेनादेना नहीं है।

ये किसी ने अवाम को भ्रमित करने के लिए खुराफात की है। सभी लोग ध्यान दें। प्रोग्राम पहले की तरह होगा। आप लोग एक बजे जुमा की नमाज पढ़कर इस्लामिया कॉलेज मैदान की ओर कूच करें।

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दरक रहा मौलाना का किला, एक-एक कर गुर्गे जा रहे जेल

मौलाना तौकीर को फतेहगढ़ जेल भेजे जाने के बाद उसके किले की एक-एक ईंट दरक रही है। उसके गुर्गों की गिरफ्तारी जारी है। अब उसका दाहिना हाथ पार्टी प्रवक्ता डॉ. नफीस, नफीस के बेटे फरमान समेत नौ आरोपी जेल भेजे गए हैं। नफीस और उसके बेटे पर दंगा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है। नफीस के इशारे पर ही मस्जिदों में नमाज का वक्त बदला गया था।

एसपी सिटी दफ्तर में आयोजित प्रेसवार्ता में एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि 26 सितंबर को शहर में बवाल कराने के लिए मौलाना तौकीर रजा और उसकी मंडली ने षड्यंत्र रचा था। मौलाना की पार्टी के नेता डॉ. नफीस और उसके बेटे फरमान की भूमिका इस मामले में नफरत फैलाने की रही है।

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मौलाना के साथ रहकर नफीस लगातार माहौल भड़का रहा था। आमतौर पर दिन में नमाज का वक्त साढ़े 12 बजे से पौने चार बजे तक रहता है। उस दिन नफीस के भड़काने पर यह संदेश फैलाया गया कि सभी मस्जिदों में दोपहर एक बजे नमाज होगी। इसी संदेश से पुलिस को संदेह हो गया कि सभी लोगों को नमाज के बहाने एक साथ बुलाकर दंगा कराने की साजिश है।

बंगाल व बिहार से भी बुलाए थे बवाली
एसएसपी ने बताया कि जिले के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही बंगाल व बिहार तक के लोग शहर में इस्लामिया मैदान पर कूच करने को बुलाए गए थे। गिरफ्तारी व बरामदगी से यह बात साफ हो चुकी है।

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नफीस का बेटा फरमान आईएमसी के सोशल मीडिया अकाउंट लगातार अपडेट कर भड़काऊ बयान व इस्लामिया मैदान में भीड़ के पुराने वीडियो डालकर लोगों को उकसा रहा था। इसी भड़काने पर नाबालिग लड़के और ग्रामीण शहर चले आए और जाने-अनजाने बवाल का हिस्सा बन गए।

10 मुकदमे, 125 नामजद, 82 आरोपी जेल भेजे
एसएसपी ने बताया कि अब तक 82 उपद्रवी सलाखों के पीछे भेजे जा चुके हैं। पुलिस वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रही है। खासकर उन लोगों पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जिन्होंने भीड़ को भड़काने और एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई थी।

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बवाल के बाद पुलिस ने अलग-अलग थानों में दस मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें 125 नामजद और करीब तीन हजार अज्ञात उपद्रवी शामिल हैं। सात मुकदमों में मौलाना तौकीर रजा नामजद है। कुछ और मामलों में मौलाना व उसके साथियों का नाम खुल सकता है।

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