म्यांमार की सेना की तरफ से अराकान सेना के नियंत्रण वाले गांव पर हवाई हमला किया है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । जिसमें लगभग 40 लोग मारे गए और कम से कम 20 अन्य घायल हो गए हैं। समूह के अधिकारियों और एक स्थानीय चैरिटी ने गुरुवार को बताया कि इस बमबारी से लगी आग में सैकड़ों घर जल गए।
रामरी द्वीप पर क्यौक नी माव गांव में हमला उन्होंने बताया कि यह हमला बुधवार को पश्चिमी राखीन राज्य में जातीय अराकान सेना की तरफ से नियंत्रित क्षेत्र रामरी द्वीप पर क्यौक नी माव गांव में हुआ। इस दौरान सेना ने क्षेत्र में किसी भी हमले की घोषणा नहीं की है। गांव में स्थिति की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी, क्योंकि क्षेत्र में इंटरनेट और सेलफोन सेवा तक पहुंच ज्यादातर कटी हुई है।
म्यांमार में 2021 से हिंसा की स्थिति म्यांमार में हिंसा की स्थिति तब शुरू हुई जब सेना ने 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को हटा दिया। वहीं सेना की तरफ से शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को दबाने के लिए घातक बल का इस्तेमाल करने के बाद, सैन्य शासन के कई विरोधियों ने हथियार उठा लिए और देश के बड़े हिस्से अब संघर्ष में उलझे हुए हैं।
भारत से सटे सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी इधर भारत ने मिजोरम-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मिजोरम की म्यांमार से 510 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है और यहां लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा के दोनों ओर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों की आवाजाही की छूट दी गई है, लेकिन इनकी आवाजाही को नियंत्रित करने और अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए बॉर्डर पास अनिवार्य कर दिया गया है।
सीमा पार करने के लिए जरूरी होगा बॉर्डर पास वहीं एक अधिकारी ने बताया कि म्यांमार और भारत के नागरिकों को एक दूसरे के देश जाने के लिए सात दिनों का वैध बॉर्डर पास जारी किया जाएगा। हालांकि इस पास को पाने के लिए आवेदनकर्ता को यह सत्यापित करना होगा कि वे सीमा के दोनों तरफ 10 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं।
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