कानपुर देहात में आलोक मौर्य और ज्योति मौर्या की तरह एक और मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने अपनी मेहनत से अपनी पत्नी को शिक्षित किया, लेकिन अब वह खुद मुश्किलों का सामना कर रहा है।
कानपुर देहात में एक और ज्योति मौर्या की कहानी
यह घटना कानपुर देहात के मैथा थाना क्षेत्र के रविंद्र पुरम गांव की है। अर्जुन की शादी 2017 में बस्ती जिले की सविता मौर्या से हुई थी। सविता हमेशा से महत्वाकांक्षी रही हैं और उसने अपने पति से पढ़ाई करने की इच्छा व्यक्त की। अर्जुन ने उसकी इस इच्छा का सम्मान किया और शादी के बाद उसे पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया।
अर्जुन ने अपनी पत्नी को कानपुर के मंधना स्थित रामा कॉलेज ऑफ नर्सिंग एंड पैरा मेडिकल साइंस में दाखिला दिलाने के लिए मेहनत की।

पत्नी की पढ़ाई के बाद शक का सामना
अर्जुन ने अपनी पत्नी की पढ़ाई के दौरान उसे यह नहीं बताया कि उनके पास पैसे की कमी है। उसने हर महीने उसकी पढ़ाई के लिए पैसे जुटाए। जब सविता ने अपनी पढ़ाई पूरी की, तो उसे दिल्ली के एक अस्पताल में नौकरी मिली। लेकिन कुछ समय बाद अर्जुन को शक हुआ और उसने सविता को वापस बुला लिया। इसके बाद उसने सविता की नौकरी को कानपुर देहात के रसूलाबाद के स्वास्थ्य केंद्र में लगवाने के लिए काफी मेहनत की।
पत्नी के व्यवहार में बदलाव
सविता को स्वास्थ्य केंद्र में अच्छी सैलरी मिलने लगी और उसके व्यवहार में बदलाव आ गया। अर्जुन ने आरोप लगाया कि सविता उससे दूर होने लगी और कहने लगी कि वह काले हैं, इसलिए उनका स्टेटस मेल नहीं खाता। इस पर विवाद शुरू हो गया। अब अर्जुन न्याय की गुहार लगा रहा है, ताकि उसकी स्थिति में सुधार हो सके। वह अभी भी पढ़ाई के लिए लिए गए कर्ज को चुका रहा है।
अर्जुन ने कहा कि उसने पत्नी को पढ़ाने के लिए कर्ज लिया और अब वह कठिनाइयों का सामना कर रहा है। उसने यह भी कहा कि उसके अनुभव के बाद कोई भी व्यक्ति शादी के बाद अपनी पत्नी को पढ़ाने की हिम्मत नहीं करेगा।
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