उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में नकली नोटों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मुबारक अली, जो 10 साल की उम्र में अपने भाई के साथ मुंबई में रहने लगा था, ने दीनी तालीम हासिल करने के बाद कबाड़ के व्यापार में कदम रखा।
धीरे-धीरे उसने अपने व्यवसाय में अच्छी खासी कमाई की और अपने गांव लक्ष्मणपुर में एक मदरसा स्थापित किया। इसके साथ ही, उसने मल्हीपुर के वीरगंज में कबाड़ खरीदने का काम शुरू किया और खाद तथा कीटनाशक दवाओं की दुकान खोली।
हालांकि, कबाड़ के व्यापार के बहाने वह चोरी का सामान भी खरीदने लगा, जिसके चलते पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया। हाल ही में, पुलिस ने मदरसे में नकली नोटों की छपाई के मामले में मुबारक अली और उसके पांच साथियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस की छापेमारी में कई चीजें बरामद
पुलिस ने मदरसे की तलाशी के दौरान नकली नोट छापने की मशीन, लैपटॉप, प्रिंटर, और 36,000 रुपये के नकली नोटों के साथ 15,000 रुपये के असली नोट भी बरामद किए। इसके अलावा, नशीली दवाओं और सेक्स संबंधी दवाओं का भी पता चला। मुबारक अली के खिलाफ कई मामले पहले से ही दर्ज हैं।
पुलिस ने यह भी बताया कि मदरसे में संदिग्ध महिलाएं अक्सर आती-जाती थीं, जो बाजार में नकली नोटों को चलाने का काम करती थीं।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस अधीक्षक घनश्याम चौरसिया ने बताया कि मदरसा संचालक मुबारक अली उर्फ नूरी बाबा की गतिविधियों की गहराई से जांच की जा रही है। यह भी सामने आया है कि यह मदरसा अवैध रूप से चल रहा था।
पुलिस अब मदरसे के बच्चों और वहां के शिक्षकों से भी पूछताछ करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, बहराइच जनपद में हाल ही में खोले गए एक अन्य मदरसे की भी जांच की जा रही है।
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