देश की भ्रष्टाचार से लड़ने वाली संस्था लोकपाल ने खुद के लिए 7 महंगी BMW कारें खरीदने का टेंडर निकाला है। इस फैसले पर कई लोगों ने सवाल उठाए हैं, क्योंकि ये कारें काफी महंगी और विदेशी भी, जबकि भारत में अच्छी और सस्ती इलेक्ट्रिक कारें मौजूद हैं।
लोकपाल का BMW कारों के लिए टेंडर
लोकपाल ने 16 अक्टूबर को सात BMW 3 सीरीज 330Li ‘एम स्पोर्ट’ मॉडल की कारें खरीदने के लिए टेंडर जारी किया। ये कारें लंबी व्हीलबेस वाली और सफेद रंग की होंगी। टेंडर में बोली जमा करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर रखी गई है। टेंडर में बोली लगाने वालों को 10 लाख रुपये की पेमेंट्स जमा करना होगा। कारों की डिलीवरी सप्लाई ऑर्डर मिलने के बाद दो हफ्ते के अंदर होनी चाहिए, लेकिन 30 दिनों से ज्यादा समय नहीं दिया जाएगा। लोकपाल में कुल सात सदस्य हैं, जिनमें अध्यक्ष जस्टिस ए एम खानविलकर साथ पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, टेंडर को लेकर लोकपाल के सदस्यों ने अभी तक कोई कॉमेंट नहीं किया है।
लोकपाल में शामिल प्रमुख चेहरे
लोकपाल के वर्तमान सदस्य हैं जस्टिस खानविलकर, पूर्व इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय यादव, पूर्व कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतु राज आवास थी, पूर्व कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस एल नारायण स्वामी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुषिल चंद्रा, पूर्व गुजरात मुख्य सचिव पंकज कुमार और पूर्व महिला एवं बाल विकास सचिव अजय टिकरे। यह संस्था भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनी है, इसलिए इसकी कारों की खरीदारी ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं।
महंगी कारों पर विवाद
पूर्व नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत ने इस टेंडर की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकपाल को BMW जैसी विदेशी और महंगी कारों की जगह देशी ‘मेक इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ नजर डालनी चाहिए, जैसे महिंद्रा XEV 9E, BE 6 या टाटा हरियर EV। वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्विटर पर कहा कि लोकपाल सदस्य अब अपने लिए 70 लाख रुपये की BMW कारें खरीद रहे हैं, जो उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को मर्सिडीज दी जाती है जबकि अन्य जज BMW कारों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह सवाल भी उठता है कि क्या लोकपाल के लिए इतनी महंगी कारें लेना जरूरी हैं।
लोकपाल का BMW कारों के लिए टेंडर
लोकपाल ने 16 अक्टूबर को सात BMW 3 सीरीज 330Li ‘एम स्पोर्ट’ मॉडल की कारें खरीदने के लिए टेंडर जारी किया। ये कारें लंबी व्हीलबेस वाली और सफेद रंग की होंगी। टेंडर में बोली जमा करने की आखिरी तारीख 6 नवंबर रखी गई है। टेंडर में बोली लगाने वालों को 10 लाख रुपये की पेमेंट्स जमा करना होगा। कारों की डिलीवरी सप्लाई ऑर्डर मिलने के बाद दो हफ्ते के अंदर होनी चाहिए, लेकिन 30 दिनों से ज्यादा समय नहीं दिया जाएगा। लोकपाल में कुल सात सदस्य हैं, जिनमें अध्यक्ष जस्टिस ए एम खानविलकर साथ पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, टेंडर को लेकर लोकपाल के सदस्यों ने अभी तक कोई कॉमेंट नहीं किया है।
लोकपाल में शामिल प्रमुख चेहरे
लोकपाल के वर्तमान सदस्य हैं जस्टिस खानविलकर, पूर्व इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय यादव, पूर्व कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ऋतु राज आवास थी, पूर्व कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस एल नारायण स्वामी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुषिल चंद्रा, पूर्व गुजरात मुख्य सचिव पंकज कुमार और पूर्व महिला एवं बाल विकास सचिव अजय टिकरे। यह संस्था भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनी है, इसलिए इसकी कारों की खरीदारी ने लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं।
महंगी कारों पर विवाद
पूर्व नीति आयोग के प्रमुख अमिताभ कांत ने इस टेंडर की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लोकपाल को BMW जैसी विदेशी और महंगी कारों की जगह देशी ‘मेक इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ नजर डालनी चाहिए, जैसे महिंद्रा XEV 9E, BE 6 या टाटा हरियर EV। वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्विटर पर कहा कि लोकपाल सदस्य अब अपने लिए 70 लाख रुपये की BMW कारें खरीद रहे हैं, जो उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को मर्सिडीज दी जाती है जबकि अन्य जज BMW कारों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह सवाल भी उठता है कि क्या लोकपाल के लिए इतनी महंगी कारें लेना जरूरी हैं।
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