71वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार 2023 के नतीजों का एलान हो चुका है. फ़ीचर फिल्म, नॉन-फ़ीचर फ़िल्म समेत अलग-अलग कैटेगरी में इस साल कई चर्चित फ़िल्मों और कलाकारों को सम्मान मिला.
फ़ीचर फिल्म कैटेगरी में हिंदी फ़िल्म '12वीं फ़ेल' को बेस्ट फ़िल्म का ख़िताब मिला.
मनोरंजक लोकप्रिय फ़िल्मों (अवॉर्ड फ़ॉर बेस्ट पॉपुलर फ़िल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट) की कैटेगरी में 'रॉकी रानी की प्रेम कहानी' को अवॉर्ड मिला, जिसका डायरेक्शन करण जौहर ने किया है.
इस फ़िल्म के निर्माता धर्मा प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड हैं.
बेस्ट एक्टर इन लीडिंग रोल का अवॉर्ड इस बार दो अभिनेताओं को मिला है. 'जवान' के लिए शाहरुख़ ख़ान और '12वीं फ़ेल' के लिए विक्रांत मैसी को यह अवॉर्ड मिला है.
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार मिलने के बाद अभिनेता शाहरुख़ ख़ान ने ज्यूरी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और भारत सरकार को धन्यवाद दिया है.

बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' में दमदार अभिनय के लिए रानी मुखर्जी को मिला.
डायरेक्शन के लिए 'द केरल स्टोरी' के डायरेक्टर सुदीप्तो सेन को नेशनल अवॉर्ड मिला.
म्यूज़िक कैटेगरी में जवान के गाने 'चलेया' के लिए शिल्पा राव को बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर और तेलुगु फिल्म बेबी के गाने 'प्रेमीस्थुना' के लिए पीवीएन एस रोहित को बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर चुना गया.
नॉन-फीचर फिल्म कैटेगरी में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड फ्लावरिंग मैन (हिंदी) को मिला, जिसके डायरेक्टर सौम्यजीत घोष हैं.
वहीं विजयराघवन और मुथुपेट्टई सोमू भास्कर ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड जीता, जबकि उर्वशी और जानकी बोदीवाला ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीता.
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राष्ट्रीय, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली बेस्ट फीचर फ़िल्म का अवॉर्ड हिंदी फिल्म 'सैम बहादुर' को मिला, जिसका डायरेक्शन मेघना गुलज़ार ने किया है.
बेस्ट सिनेमैटोग्राफ़ी का अवॉर्ड 'द केरल स्टोरी' के लिए प्रसांतनु मोहापात्रा को दिया गया.
म्यूज़िक कैटेगरी में बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्शन का अवॉर्ड दो हिस्सों में बांटा गया. गानों के लिए तमिल फिल्म 'वाथी' को मिला, जबकि बैकग्राउंड म्यूज़िक के लिए हिंदी फिल्म 'एनिमल' को चुना गया.
कोरियोग्राफ़ी के लिए 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' को अवॉर्ड मिला. इस फिल्म की कोरियोग्राफ़र वैभवी मर्चेंट हैं.
बेस्ट हिंदी फिल्म का अवॉर्ड 'कटहल: अ जैकफ्रूट मिस्ट्री' को मिला, जिसके डायरेक्टर यशोवर्धन मिश्रा हैं.
मलयालम में 'उल्लोलुक्कु (अंडरकरंट)' के लिए क्रिस्टो टोमी को अवॉर्ड मिला, मराठी में 'श्यामची आई' को अवॉर्ड दिया गया, गारो भाषा में बनी 'रिमडोगित्तांगा (रैप्चर)' के लिए डॉमिनिक मेगम सांगमा को और तेलुगु फिल्म 'भगवन्त केसरी' के लिए अनिल रविपुडी को बेस्ट फ़िल्म का अवॉर्ड मिला.
नॉन-फीचर कैटेगरी में हिंदी फिल्म 'फ्लावरिंग मैन' को बेस्ट फिल्म चुना गया, जिसका डायरेक्शन सौम्यजीत घोष ने किया है. 30 मिनट तक की नॉन-फीचर फिल्म कैटेगरी में 'गिद्ध द स्कैवेंजर' को अवॉर्ड मिला, जिसके डायरेक्टर मनीष सैनी हैं. सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली बेस्ट नॉन-फीचर फिल्म का अवॉर्ड 'द साइलेंट एपिडेमिक' को दिया गया, जिसका डायरेक्शन अक्षत गुप्ता ने किया है.
नॉन-फीचर फिल्मों की सिनेमैटोग्राफी कैटेगरी में तमिल फिल्म 'लिटिल विंग्स' को अवॉर्ड मिला.
विजेताओं ने क्या कहा?बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतने के बाद रानी मुखर्जी ने कहा, "मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतकर मैं बेहद खुश हूं. यह मेरे 30 साल के करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड है. एक अभिनेत्री के तौर पर मुझे कई शानदार फिल्मों में काम करने का मौका मिला और उनके लिए बहुत सारा प्यार मिला."
उन्होंने इस जीत को बेहद भावुक पल बताते हुए कहा कि यह सम्मान वे अपनी पूरी टीम और सभी माताओं को समर्पित करती हैं.
शाहरुख़ ख़ान ने भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझाकिया है.
शाहरुख़ ख़ान ने कहा, "राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सिर्फ़ एक उपलब्धि नहीं है. यह याद दिलाता है कि मैं जो करता हूं, उसकी अहमियत है. यह मुझे आगे बढ़ने, मेहनत करने और सिनेमा की सेवा करते रहने के लिए कहता है. यह अवॉर्ड मेरे लिए रिमांइडर है कि एक्टिंग सिर्फ़ काम नहीं एक ज़िम्मेदारी है. स्क्रीन पर सच दिखाने की ज़िम्मेदारी है."
फ़िल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' के गाने 'डिंढोरा बाजे' की कोरियोग्राफ़ी के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वैभवी मर्चेंट ने लंदन से बीबीसी हिंदी के सहयोगी पत्रकार रवि जैन से अपनी खुशी साझा की.
वैभवी मर्चेंट ने कहा, "मुझे इस बात का ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि मेरा नाम राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भेजा गया है. एलान के बाद अचानक किसी का फ़ोन आया और मुझे इस जीत के बारे में बताया गया तो मैं हक्की-बक्की रह गई. यकीन करने में थोड़ा वक्त लगा कि इस गाने के लिए मुझे नेशनल अवॉर्ड मिल रहा है."
वैभवी इससे पहले 1999 में आई फ़िल्म 'हम दिल दे चुके सनम' के गाने 'डोली तारो' की कोरियोग्राफ़ी के लिए भी राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी हैं.
अपने अनुभव को याद करते हुए उन्होंने बताया कि इस गाने को कोरियोग्राफ़ करने में उन्हें 14 दिन लगे. "इस गाने से पहले जो बड़ा म्यूज़िकल पीस आता है, वो भी इसका हिस्सा था. उसे और गाने को एक ही लय में पिरोना मेरे लिए इसलिए मुश्किल नहीं था क्योंकि मैं बचपन से कथक और भरतनाट्यम में प्रशिक्षित हूं."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.
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