शनिवार सुबह से ही सोशल मीडिया पर एक नाम खूब चर्चा में है, पेटल गहलोत. वजह है संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के भाषण पर भारत का जवाब.
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने भारत के 'राइट टू रिप्लाई' के तहत कहा कि "अगर तबाह रनवे और जले हैंगर जीत है तो पाकिस्तान आनंद ले सकता है."
दरअसल शहबाज़ शरीफ़ ने यूएन में अपने संबोधन के दौरान दावा किया था कि "पाकिस्तान ने भारत के साथ युद्ध जीत लिया है और शांति चाहता है."
लेकिन भारत ने साफ़ किया है कि इसके लिए पाकिस्तान को पहले अपने यहां सक्रिय चरमपंथी कैंप बंद करने होंगे और भारत में वांटेड चरमपंथियों को सौंपना होगा.
पेटल गहलोत के इस जवाब की खूब चर्चा है और भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर उनके बयान की जमकर तारीफ़ हो रही है.
कौन हैं पेटल गहलोत?दिल्ली की रहने वाली पेटल गहलोत ने मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति शास्त्र, समाजशास्त्र और फ्रेंच साहित्य में स्नातक किया.
उनकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के मुताबिक़, पढ़ाई के दिनों में वह इंडियन म्यूज़िक ग्रुप और मल्हार फेस्टिवल जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों से भी जुड़ी रहीं. इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति शास्त्र और शासन विषय में एमए किया और इस दौरान उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला.
2015 में वह भारतीय विदेश सेवा (आईएफ़एस) में शामिल हुईं. सेवा में आने के बाद उन्होंने नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम किया. इसके बाद उनकी तैनाती पेरिस स्थित भारतीय दूतावास में हुई, जहाँ उन्होंने थर्ड और फिर सेकेंड सेक्रेटरी के तौर पर ज़िम्मेदारी निभाई. 2020 से 2023 तक वे विदेश मंत्रालय में अंडर-सेक्रेटरी रहीं.
इसके बाद वह अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में कौंसुल बनीं. उनकी लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के मुताबिक़ जुलाई 2023 से वे न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन में फ़र्स्ट सेक्रेटरी हैं. सितंबर 2024 से वह संयुक्त राष्ट्र में एडवाइज़र के तौर पर काम कर रही हैं.
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पेटल गहलोत ने सिविल सेवा परीक्षा दूसरी कोशिश में पास की. वह यूपीएससी की तैयारी से जुड़े अनुभव सोशल मीडिया पर भी साझा करती हैं और इस पर ब्लॉग लिख चुकी हैं.
अपने एक ब्लॉगमें उन्होंने लिखा है कि इस तैयारी को अंग्रेज़ी में समझाना मुश्किल है. उनके अनुसार, इसके लिए हिंदी का 'तपस्या' शब्द सटीक है.
तैयारी के कठिन दिनों में भी उन्होंने अपनी रुचियाँ नहीं छोड़ीं. गिटार बजाना और संगीत सुनना उनकी दिनचर्या का हिस्सा बना रहा.
पेटल गहलोत सिर्फ राजनयिक ही नहीं, बल्कि संगीत से गहरा लगाव रखने वाली शख्सियत हैं. वह गिटार बजाने और गाने सुननेका शौक रखती हैं.
पेटल गहलोत की सोशल मीडिया पोस्ट्स पर कई वीडियो मिलते हैं जिनमें वे गिटार पर 'व्हाइट फ्लैग', 'लेविटेटिंग', 'हुस्न' और 'डैंडेलियन्स' जैसे लोकप्रिय गाने गाती दिखती हैं.
उनका मानना है कि संगीत उनके लिए केवल शौक नहीं बल्कि जीवन का अहम हिस्सा है.
पेटल गहलोत के पिता कैप्टन संजय गहलोत भारतीय सेना में कैप्टन रह चुके हैं. इसके बाद वे 1991 बैच के आईआरएस अधिकारी बने और कस्टम्स विभाग में प्रिंसिपल कमिश्नर के पद तक पहुँचे.
उन्होंने 30 साल से अधिक सेवा की और फिर संगीत को अपना पूरा जीवन बना लिया. इसके साथ ही वे यूपीएससी के छात्रों को मार्गदर्शन देने वाले मेंटॉर के रूप में भी काम करते हैं.
पेटल के जवाब पर सोशल मीडिया यूज़र क्या कह रहे हैं?संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को दिए गए उनके जवाब के बाद सोशल मीडिया पर पेटल गहलोत की जमकर तारीफ़ हो रही है. अलग-अलग यूज़र्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
एडोरेबल नाम के एक एक्स अकाउंट से लिखा गया, "मैं आमतौर पर शनिवार और रविवार देर से उठती हूँ और उठते ही सबसे पहले पेटल गहलोत का यूएनजीए में पाकिस्तान को दिया जवाब देखा. बहुत प्यार."
मनीषा यादव नाम की यूज़र ने लिखा, "वाह, पेटल गहलोत ने यूएन में कमाल कर दिया. उन्होंने शहबाज़ शरीफ़ की नौटंकी बंद कर दी, ओसामा बिन लादेन को छिपाने की सच्चाई सामने रखी और साफ कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर असली कदम उठाने चाहिए."
मंजित सिन्हा नाम के यूज़र ने लिखा, "पेटल गहलोत, जो गिटार बजाती हैं और फ्रेंच भाषा में धाराप्रवाह बोलती हैं, उन्होंने पाकिस्तान की झूठी बातें शानदार अंदाज़ में काटीं. उनका आत्मविश्वास लाजवाब है."
फ्लाइट लेफ्टिनेंट अनुप वर्मा (सेवानिवृत्त) नाम के यूज़र ने लिखा, "पेटल गहलोत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों की पोल खोल दी और दुनिया को साफ़ बताया कि भारत-पाकिस्तान मुद्दों का असली सवाल आतंकवाद है."
पेटल ने पाकिस्तान को जवाब में क्या-क्या कहा था?शहबाज़ शरीफ़ के भाषण पर जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की फ़र्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने कहा, "इस सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेतुकी नौटंकी देखी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति का मूल हिस्सा है."
उन्होंने कहा कि नाटक और झूठ का कोई भी स्तर सच्चाई को छिपा नहीं सकता.
पहलगाम हमले का ज़िक्र करते हुए गहलोत ने कहा, "यह वही पाकिस्तान है जिसने 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में, जम्मू और कश्मीर में पर्यटकों पर हुए बर्बर जनसंहार के लिए रेज़िस्टेंस फ़्रंट (चरमपंथी संगठन) को जवाबदेही से बचाया."
भारतीय राजनयिक ने कहा, "याद कीजिए, यही पाकिस्तान था जिसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक छिपाए रखा, जबकि वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध में साझेदार होने का दिखावा कर रहा था."
गहलोत ने कहा, "सच्चाई यह है कि पहले की तरह ही, भारत में निर्दोष नागरिकों पर आतंकवादी हमले के लिए पाकिस्तान ही ज़िम्मेदार है."
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के मंत्रियों ने हाल में यह माना है कि उनका देश दशकों से आतंकवादी शिविर चला रहा है.''
पेटल गहलोत ने कहा, ''इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि एक बार फिर पाकिस्तान का ढोंग सामने आ गया है. इस बार ये प्रधानमंत्री के स्तर पर दिखा है. एक तस्वीर हज़ार शब्द बयां करती है और इस बार हमने बहावलपुर और मुरीदके के आतंकवादी परिसरों में ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकवादियों की कई तस्वीरें देखीं.''
उन्होंने कहा, ''हमने देखा कि पाकिस्तानी सेना के सीनियर अफ़सर और नागरिक सार्वजनिक तौर पर खूंखार आतंकवादियों का महिमामंडन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे थे. इस शासन का झुकाव किस तरफ़ है, क्या इसे लेकर कोई शक़ बाकी रह गया है?''
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत पर पहलगाम की घटना का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, "पाकिस्तान बाहरी आक्रमण से पूरी तरह अपनी रक्षा करेगा."
उन्होंने कहा था, "हमने भारत के साथ युद्ध जीत लिया है, अब हम शांति चाहते हैं और पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ व्यापक और कारगर वार्ता करने के लिए तैयार है."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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