राजस्थान के प्रमुख जलस्रोतों में शामिल बीसलपुर बांध इस बार जुलाई के महीने में ही अपनी कुल भराव क्षमता के बेहद करीब पहुंच गया है। सोमवार रात तक बांध का जलस्तर 315.23 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जबकि इसकी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 मीटर है। यह स्थिति राज्य के लिए जलसंकट से राहत देने वाली जरूर है, लेकिन साथ ही इसके चलते सुरक्षा को लेकर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।
बीसलपुर बांध में त्रिवेणी, बनास और खारी नदियों से लगातार तेज जल आवक हो रही है। इन नदियों के जलस्त्रोत क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण पानी का बहाव तेजी से बीसलपुर बांध की ओर हो रहा है। ऐसे में जल संसाधन विभाग ने मंगलवार सुबह बांध के गेट खोलने की संभावना जताई है, ताकि पानी का दबाव नियंत्रित किया जा सके और डाउनस्ट्रीम में स्थित ईसरदा बांध को किसी तरह का खतरा न हो।
बांध के गेट खुलने की संभावना
एनडीटीवी से बातचीत में जल संसाधन विभाग के एडिशनल चीफ इंजीनियर देवी सिंह बेनीवाल ने बताया कि बीसलपुर बांध में पानी की लगातार तेजी से आवक हो रही है। यदि जलस्तर इसी गति से बढ़ता रहा, तो बांध की सुरक्षा के दृष्टिकोण से गेट 315.50 मीटर की कुल क्षमता तक पहुंचने से पहले ही खोलने पड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि ईसरदा बांध को सुरक्षा देने और जल नियंत्रण बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया जा सकता है।
क्या है बीसलपुर बांध का महत्व?
बीसलपुर बांध राजस्थान के टोंक जिले में बनास नदी पर स्थित है और यह जयपुर, अजमेर और टोंक सहित कई जिलों की पेयजल आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके अलावा यह बांध सिंचाई के लिए भी एक प्रमुख स्रोत है। सामान्यतः यह बांध अगस्त के मध्य या सितंबर के आसपास भरता है, लेकिन इस वर्ष मानसून की तीव्रता के चलते यह रिकॉर्ड समय में ओवरफ्लो की स्थिति में पहुंच गया है।
स्थानीय प्रशासन अलर्ट पर
जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए बांध क्षेत्र में जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर हैं। संभावित गेट खोलने के निर्णय से पहले आसपास के गांवों और निचले क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया जा सकता है। इसके साथ ही नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
जल संकट से राहत की उम्मीद
बीसलपुर बांध में इस समय जलस्तर बढ़ने से राज्य के हजारों गांवों और कस्बों को आगामी महीनों में पर्याप्त पानी मिलने की उम्मीद है। खासकर जयपुर जैसे शहरी क्षेत्रों को इससे बड़ी राहत मिलेगी, जहां गर्मियों में पानी की भारी किल्लत देखी जाती है।
जल संसाधन विभाग ने फिलहाल स्थिति पर करीबी निगरानी रखी हुई है और जलस्तर की रिपोर्ट हर घंटे अपडेट की जा रही है। यदि मौसम विभाग की ओर से और अधिक बारिश की संभावना जताई जाती है, तो मंगलवार सुबह से पहले ही गेट खोलने का निर्णय लिया जा सकता है।
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